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मानसून में जलजमाव से कैसे निपटेगी मनपा! …शहर में ४५० से अधिक जलजमाव ग्रस्त इलाके हैं

सामना संवाददाता / मुंबई
मानसून में प्रतिवर्ष मुंबई को जलजमाव एवं बाढ़ जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। मनपा के मानसून से पहले किए गए लाखों दावे धरे के धरे रह जाते हैं और आम मुंबईकर बाढ़ एवं जलजमाव जैसी समस्याओं से परेशान होते हैं! एक बार फिर मनपा ने दावा किया है कि शहर में मौजूद ४५३ इलाकों की पहचान की गई है, जहां जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है और ऐसे अधिकांश इलाकों का काम पूरा हो गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, शहर में विक्रोली, परेल, अंधेरी, विलेपार्ले, दहिसर और अन्य इलाकों को मनपा ने पहचान कर उनकी मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। मनपा ने दावा किया है कि शहर के ४५३ बाढ़ग्रस्त स्थलों में से ३६९ स्थलों में मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है। पिछले वर्ष मानसून के दौरान देखी गई बाढ़ व जलजमाव के आधार पर मनपा ने इन क्षेत्रों की पहचान की है। बाकी बचे ५५ क्षेत्रों में मनपा एमएमआरडीए व रेलवे की सहायता से मरम्मत का कार्य पूरा करेगी। मुंबई में मानसून आने में लगभग ४ महीने से कम का समय बचा है, लेकिन मनपा के सामने चुनौती है कि शहर में मौजूद ५५ इलाकों में मरम्मत का कार्य ३१ मई तक किया जाना चाहिए।
नए जलजमाव वाले इलाकों में वैâसे होगा मरम्मत का कार्य
४५३ क्षेत्र जो मनपा ने तय किए है, वे पिछले वर्ष के आधार पर किए हैं। शहर में नई जगहों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न होगी, उसकी पहचान कर मरम्मत का कार्य कब किया जाएगा? एक मनपा अधिकारी ने बताया कि अतिक्रमण की वजह से पानी आसानी से नालियों में नहीं जाता है, जिसकी वजह से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसे इलाकों में मनपा विशेष नजर रखेगी।

रेलवे का संचालन न रुके
मनपा के मुताबिक, पिछले वर्ष रेलवे की पटरियों पर पानी भरने की वजह से ट्रेन समय पर नहीं चल पा रही थी। इस वर्ष रेलवे की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पटरियों पर पानी न भरे और रेलवे सेवा सुचारु रूप से चलती रहे।

 

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