सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में एक तरफ दिनों-दिन प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है तो वहीं संबंधित विभाग भी इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि शहर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बावजूद प्रादेशिक परिवहन विभाग (आरटीओ) ने सिर्फ ४,५६७ वाहनों पर ही कार्रवाई की। अप्रैल से अक्टूबर के बीच किए गए इस अभियान के तहत ताड़देव, अंधेरी, वडाला और बोरीवली आरटीओ ने कार्रवाई की। अधिकारियों का दावा है कि यह कदम प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, लेकिन लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई नाममात्र की है। इस तरह से शहर में प्रदूषण वैâसे कम होगा? जांच के दौरान, वाहन चालकों से पीयूसी प्रमाणपत्र मांगा गया। जो इसे प्रस्तुत नहीं कर सके या जिनके वाहन प्रदूषण की तय सीमा से अधिक थे, उन पर जुर्माना लगाया गया।
वडाला आरटीओ ने सबसे अधिक १,९३१ वाहनों पर कार्रवाई की, जबकि अंधेरी आरटीओ ने १,७३०, ताड़देव ने ३७४ और बोरीवली ने मात्र ३३१ वाहनों पर जुर्माना लगाया। ताडदेव और बोरीवली आरटीओ ने मिलकर सिर्फ ६ लाख से कुछ अधिक जुर्माना वसूला। यह आंकड़े सवाल खड़े करते हैं कि क्या यह कार्रवाई प्रभावी थी? दिवाली के समय २१ अक्टूबर से ९ नवंबर तक ताड़देव आरटीओ ने एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान ७५ निजी यात्री बसों की जांच की गई, लेकिन केवल ४९ पर कार्रवाई की गई। इनमें मालवाहन करना, लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन और कर न भरने जैसे अपराध शामिल थे। इसके जरिए ३.९३ लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया।