सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा शहर में सड़क सीमेंटीकरण का काम कर रही है, लेकिन इस कार्य में अब तक लगभग २,६०० पेड़ इस निर्माण कार्य के भेंट चढ़ गए। कार्रवाई के नाम पर मनपा ठेकेदारों से सिर्फ जुर्माना लगाकर अपना पल्ला झाड़ रही है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पेडों की हत्या करने वाले ठेकेदारों पर सिर्फ दिखावटी कार्रवाई की जा रही है? अगर ऐसे ही पेड़ कटते रहे तो मुंबईकरों को स्वच्छ हवा वैâसे मिलेगी?
दरअसल, जब निरीक्षण के दौरान पता चला कि सड़क सीमेंटीकरण परियोजना के तहत प्रभादेवी क्षेत्र में लापरवाहीपूर्वक की गई खुदाई के कारण लगभग ६० पेड़ों की जड़ें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। मनपा ने मंगलवार को एक ठेकेदार पर ५० हजार रुपए का जुर्माना लगाया। यह घटना प्रभादेवी की चार सड़कों-जीवबा आत्माराम राउल मार्ग, वीर संताजी लेन, ओल्ड प्रभादेवी मार्ग और फेमस स्टूडियो लेन पर सामने आई, जहां सड़क सीमेंटीकरण का कार्य चल रहा है।
मनपा के मुताबिक, लगभग ६० पेड़, जिनकी औसत आयु ३५-४० वर्ष के बीच थी और वे लापरवाहीपूर्वक खुदाई के कारण कमजोर हो गए हैं। इसके कारण अधिकांश पेड़ भविष्य में विशेष रूप से मानसून के दौरान गिरने के गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं।
एनजीटी के आदेश का उल्लंघन
एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से अधिकांश पेड़ स्वदेशी प्रजातियों के थे, जिनमें गुलमोहर, जामुन, पीपल जैसे पेड़ शामिल हैं। मनपा ने ठेकेदार को लिखे पत्र में बताया कि इस खुदाई ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का उल्लंघन किया है, क्योंकि खुदाई कार्य पेड़ों के चारों ओर एक मीटर के दायरे में किया गया था, जिससे उनकी जड़ क्षेत्र को नुकसान हुआ।
पहले भी वसूला गया जुर्माना
इससे पहले ६ मार्च को मनपा ने मध्य मुंबई में एक ७० साल पुराने पेड़ की जड़ क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए एक ठेकेदार पर २० हजार रुपए का जुर्माना लगाया था, जब वह सड़क सीमेंटीकरण का कार्य कर रहा था। ठेकेदार ने काम शुरू करने से पहले उद्यान विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लिया था।