मना संवाददाता / नई दिल्ली
चुनावी घोटाले से जुड़ा एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। गुजरात के एक दलित किसान को धोखे से ११ करोड़ रुपए का चुनावी बॉन्ड खरीदवा दिया गया। बाद में इसमें से १० करोड़ का चुनावी बॉन्ड भाजपा ने भुना लिया। गुजरात का यह दलित परिवार कच्छ जिले के अंजार शहर का रहने वाला है।
‘द क्विंट’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, गत ११ अक्टूबर २०२३ को इस दलित परिवार के छह सदस्यों के नाम पर ११ करोड़ १४ हजार रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए थे। चुनाव आयोग द्वारा जारी डेटा के अनुसार, इनमें से १० करोड़ रुपए के बॉन्ड १६ अक्टूबर २०२३ को भाजपा ने रिडीम किए थे।
इस दलित परिवार का आरोप है कि भाजपा की करीबी एक कंपनी के एक अधिकारी ने उन्हें ये चुनावी बॉन्ड ‘धोखे’ से खरीदवाया था। ४१ साल के हरेश सावकारा ने आरोप लगाया कि कंपनी ने एक परियोजना के लिए अंजार में हमारी लगभग ४३,००० वर्ग मीटर कृषि भूमि का अधिग्रहण किया था और यह पैसा हमें कानून के अनुसार दिए गए मुआवजे का हिस्सा था। लेकिन यह पैसा जमा करते समय कंपनी के जीएम ने हमें बताया कि इतनी बड़ी रकम से आयकर विभाग को लेकर परेशानी हो सकती है…फिर उन्होंने हमें चुनावी बॉन्ड योजना के बारे में बताया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि ये स्कीम हमें कुछ सालों में १.५ गुना पैसा देगी। हम अनपढ़ लोग हैं। हमें नहीं पता था कि ये योजना क्या है लेकिन उस समय उनकी सारी बातें बहुत विश्वसनीय लगी थीं।’ अब सावकारा ने गत १८ मार्च २०२४ को अंजार पुलिस स्टेशन में मामले के संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कंपनी के कई लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें भाजपा के अंजार शहर अध्यक्ष का नाम भी शामिल है। हालांकि, इस मामले के संबंध में पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। जांच अधिकारी शैलेंद्र सिसोदिया का कहना है कि उन्होंने हमें एक आवेदन भेजा है। हम अभी भी इस पर गौर कर रहे हैं। एक बार जांच पूरी हो जाए और अगर मामला एफआईआर के लायक होगा, तो हम एफआईआर दर्ज करेंगे।’