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महाराष्ट्र में खून की भारी किल्लत! … कुछ सेंटर्स लालच में दूसरे राज्यों को कर रहे ट्रांसफर 

– ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने लगाया प्रतिबंध
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
दिवाली और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुंबई समेत राज्य के विभिन्न जिलों में रक्तदान शिविर की संख्या में भारी कमी आई है। इसके चलते महाराष्ट्र को खून की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इस समय पूरे राज्य में स्थित ब्लड बैंकों और सेंटरों में केवल ४३,०६२ ही स्टॉक बचा हुआ है। इसके बावजूद कुछ सेंटर लालच में आकर दूसरे राज्यों में बल्क में ब्लड ट्रांसफर कर रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने के बाद अब स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल सख्ती बरतते हुए स्थिति सामान्य होने तक बल्क में ब्लड ट्रांसफर पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि दिवाली और गर्मी की छुट्टियों में अधिकांश लोग या तो अपने पैतृक गांव अथवा पिकनिक मनाने के लिए पूरे परिवार के साथ निकल जाते हैं, इसमें बड़ी संख्या में ब्लड डोनरों का भी समावेश होता है। कुछ यही स्थिति इस दिवाली में भी दिखाई दी। हालांकि, इस पर परिस्थिति और भी जटिल हो गई है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के चलते सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता और डोनर व्यस्त हैं। इस वजह से राज्य में ब्लड की भारी किल्लत महसूस हो रही है। आलम यह है कि खून के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य के सभी ब्लड बैंकों और सेंटरों में कुल ४३,०६२ यूनिट ब्लड बचा हुआ है। इसके बावजूद देश के अन्य राज्यों में बल्क में ब्लड ट्रांसफर किया जा रहा है, जो मरीजों की परेशानी को और बढ़ा रहा है। काउंसिल की ओर से कहा गया है कि मीडिया में खबरें आ रही हैं कि राज्य में खून की कमी है। एसबीटीसी को मरीजों की ओर से फोन भी आ रहे हैं कि उन्हें रक्त नहीं मिल रहा है। पता चला है कि दिवाली की छुट्टियों और विधानसभा चुनाव के कारण स्वैच्छिक रक्तदान शिविर कम हो रहे हैं, इसलिए राज्य में रक्त की कमी है। एसबीटीसी वेबसाइट की दैनिक स्टॉक स्थिति से भी पता चलता है कि स्टॉक की स्थिति समाप्त हो गई है।
फिर भी जारी है ब्लड ट्रांसफर
एसबीटीसी ने कहा है कि यह देखा गया है कि कुछ रक्त केंद्र दूसरे राज्यों में रक्त का थोक हस्तांतरण कर रहे हैं। इसे लेकर निर्देश दिया है कि ब्लड सेंटर को अन्य राज्यों में बल्क ट्रांसफर  से पहले राज्य में खून और घटकों की आवश्यकता को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसी के साथ ही ३१ जनवरी २०२५ तक अथवा राज्य में स्थिति सामान्य होने तक इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, रक्त घटकों का बल्क ब्लड ट्रांसफर जारी रहेगा।
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर पर जोर
एसबीटीसी ने आह्वान किया है कि सामाजिक और धार्मिक संगठनों से संपर्क करके स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करने और नियमित रक्तदाताओं से रक्तदान बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। रक्त की कमी को पूरा करने के लिए शिविर हाउसिंग सोसाइटी कॉम्प्लेक्स में भी आयोजित किए जाने चाहिए।
खून की कालाबाजारी की होनी चाहिए जांच
आरटीआई एक्टिविस्ट चेतन कोठारी ने कहा कि कमी के बावजूद खून और उसके घटक राज्य से बाहर भेजे गए। ऐसा मुख्य रूप से इसलिए हो सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र में पड़ोसी राज्यों की तुलना में नियम सख्त हैं। इससे खून की कालाबाजारी और अधिक पैसे वसूलने पर रोक लगती है। ऐसे में खून की कालाबाजारी की जांच होनी चाहिए।

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