मुख्यपृष्ठनए समाचारजेलों में ह्यूमन बॉडी स्कैनर... स्क्रीन में दिखेगा मादक पदार्थ और हथियार

जेलों में ह्यूमन बॉडी स्कैनर… स्क्रीन में दिखेगा मादक पदार्थ और हथियार

-एक्स-रे से ली जाएगी कैदियों की तलाशी

सामना संवाददाता / मुंबई

कोर्ट में सुनवाई के बाद लौटते कैदी कई तरह के हथकंडों को अपनाते हुए जेलों में चरस, मोबाइल और हथियार आदि लेकर पहुंचते हैं। इसके जरिए जेलों में कई तरह की अनुचित गतिविधियां होती हैं, जिससे संबंधित खबरें भी अक्सर सुनाई देती हैं। इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गृह विभाग ने राज्य के तीन अति संवेदनशील जेलों में अत्याधुनिक ह्यूमन बॉडी स्कैनर लगाया जाएगा। इसके लगने के बाद उक्त जेलों में आने-जानेवाले कैदियों के शरीर की मशीन से एक्स-रे स्कैन कर तलाशी ली जाएगी। इससे कैदियों के पास मौजूद मादक पदार्थों और हथियारों का आसानी से पता चल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य की जेलों में कदाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। कोर्ट अथवा अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण के बाद जेल लौटते समय कैदियों की तलाशी ली जाती है। हालांकि, बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मचारियों के पद खाली होने से जेल प्रशासन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन पदों को भरने में शिंदे सरकार खास रुचि भी नहीं दिखा रही है। दूसरी तरफ ऐसी स्थिति में कोर्ट अथवा अस्पताल से लौटने के बाद कर्मचारियों की कमी के कारण कैदियों का सही तरीके से तलाशी नहीं ली जाती है। इसके साथ ही कई मामलों में कर्मियों की मिलीभगत के कारण अक्सर वैâदी अपने शरीर में चरस, गांजा, मोबाइल, धारदार हथियार छिपाकर जेल में ले जाते हैं। इसका इस्तेमाल कई आपराधिक गतिविधियों में किया जाता है। इससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था को खतरा है।
तीन जेलों में हैं खतरनाक कैदी
राज्य के तीन आर्थर रोड, तलोजा और येरवड़ा जेलों में एक्सरे पर आधारित फुल ह्यूमन बॉडी स्कैनर लगाने का फैसला गृह विभाग ने किया है। इसके पीछे का कारण यह बताया गया है कि उक्त तीनों जेलों में खतरनाक कैदी बंद हैं। इस मशीन की मदद से जेल के भीतर और बाहर जाते समय सभी कैदियों का स्कैन किया जाएगा। इसलिए वैâदियों के कपड़ों में छिपी हर वस्तुएं आसानी से मशीन के स्क्रीन पर दिखेंगी। इससे अनुचित गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और जेल की सुरक्षा व्यवस्था का बोझा भी कम होगा। इस तकनीक के लिए ९.१२ करोड़ रुपए का खर्च किया जाएगा।
जेल में सीसीटीवी
जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मुंबई हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य के सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर जोर दिया गया है। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की महत्वाकांक्षी योजना का मार्ग प्रशस्त करने के लिए कदम उठाया है। सीसीटीवी योजना पर १४ करोड़ ४४ लाख ७१ हजार २७६ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिससे कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा।

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