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पार्टी चोरों के खिलाफ प्रचार करने आया हूं! … ‘महायुति’ के खिलाफ संजय सिंह ने संभाली कमान

सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा चोरों की पार्टी है। उसने दूसरी पार्टियों को चुराने का काम किया है। इन्हें सबक सिखाना है इसलिए मैं इन चोरों के खिलाफ चुनाव प्रचार करने मुंबई आया है। यह बात ‘आप’ नो व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कल मुंबई में कही। वे मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
भाजपा बंटोगे तो कटोगे का जहरीला प्रचार कर रही है। इस पर टिप्पणी करते हुए ‘आप’ नेता संजय सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि न बंटिए न कटिए, सब लोग मिलकर भाजपा को रपटिए।
मुंबई में महाविकास आघाड़ी के प्रचार के लिए आए ‘आप’ नेता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता को भाजपा और शिंदे गुट ने धोखा दिया है। उनके विश्वास पर प्रहार किया है। भाजपा ने हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के तीर कमान और शरद पवार की घड़ी चुरा ली है। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र से पीएम मोदी अपने गृह राज्य में २ लाख करोड़ रुपए के उद्योग चुरा ले गए, जिससे राज्य की जनता भाजपा से पूरी तरह नाराज है। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। इस धोखेबाज भाजपा और उसके सहयोगियों को राज्य की जनता नकार रही है। ऐसा जोरदार हमला ‘आप’ नेता संजय सिंह ने महायुति पर किया। संजय सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में पार्टियां चोरी हो रही हैं, जो कि संविधान के खिलाफ है। अब तक आप लोगों ने कार चोर, बाइक चोर, सोना चोरों के बारे में सुना होगा, लेकिन अब महाराष्ट्र में तो भाजपा पार्टियां चोरी करने लगी है। संजय सिंह ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने जा रही है। जनता, पार्टी चोरों को सबक सिखाने के मूड में है। उन्होंने कहा कि मैं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के समर्थन में प्रचार करूंगा। महाराष्ट्र में मेरी कई सभाएं हैं। अभी तक शिवसेना के आदित्य ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जितेंद्र अव्हाड और कांग्रेस के असलम शेख के लिए प्रचार किया है। आगे भी पुणे और अन्य जगह सभाएं होंगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी सीट पर उम्मीदवार न उतारने का कारण एकमात्र भाजपा के खिलाफ लामबंद होना है। हम मविआ का वोट काटना नहीं चाहते थे। हमारा उद्देश्य है भ्रष्टाचार में डूबी और पार्टी चोर भाजपा को रोकना। हमने महाविकास आघाड़ी को पूरा समर्थन देने का निर्णय लिया है। संजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र से दो लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य गुजरात लेकर चले गए हैं। यहां पर किसान आत्महत्या कर रहे और युवा बेरोजगारी से परेशान हैं।

समाज को तोड़ना चाहती है भाजपा
रोजगार के अभाव में नौजवान भी आत्महत्या कर रहा है और भाजपा अपने घमंड में मस्त है। उसे बेरोजगारी, महंगाई, किसान आत्महत्या, विकास आदि जनता की समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं करनी है। वह तो समाज को तोड़ने की बात करती है, जबकि वास्तविकता यह है कि अगर आप बंटोगे तो और २ लाख करोड़ की परियोजनाएं महाराष्ट्र से गुजरात चली जाएंगी। बंटोगे तो किसान आत्महत्या करेगा और भारत की सेना में जवान ठेका पद्धति पर नियुक्त किया जाएगा। इसलिए न बंटिए, न कटिए , मिलकर भाजपा को रपटिए।

भाजपा ने सत्ता के लिए अंग्रेजों की नीति अपनाई
शिवसेना और एनसीपी को तोड़ा -कांग्रेस
इंग्लैंड ने भारत में शासन करते हुए `फूट डालो और राज करो’ जैसी नीति का इस्तेमाल किया था। भारत में जाति और धर्म के बीच विभाजन करके अपनी कुर्सी मजबूत करने की अंग्रेजों की नीति से सीख लेते हुए अब भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक दलों और समाज मे फूट डालने का काम कर रही है। ऐसा कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता व राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा का डीएनए ही फूट डालो और राज करो जैसा है। भाजपा परिवार तोड़ने वाली पार्टी है। महाराष्ट्र में भाजपा ने सत्ता के लिए शिवसेना और पवार का परिवार तोड़ा है।
राजीव गांधी भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्प्रâेंस में बोलते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी-शाह एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस की मदद से महाराष्ट्र की बड़ी परियोजनाओं को एक-एक कर गुजरात ले गए। शिंदे, फडणवीस और अजीत पवार ने महाराष्ट्र के हितो की बलि चढ़ाई। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए क्या किया, यह भाजपा नहीं बताती। विकास कार्यों के आधार पर वोट नहीं मांगती, बल्कि समाज में विभाजनकारी नारों से वोट मांग रही है। लेकिन नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सभाओं में भीड़ नहीं उमड़ रही है। यह दृश्य देखकर भाजपा ने अपने जुड़वां भाई ओवैसी को भी प्रचार में उतार दिया है। भाजपा और ओवैसी का क्या संबंध है, यह सवाल प्रमोद तिवारी ने उठाया है। वरिष्ठ नेता शरद पवार ने जिनका अपने बेटे की तरह ख्याल रखा, वही अजित पवार सत्ता के लिए अपने चाचा को छोड़ गए। ठाकरे परिवार, जिसने एकनाथ शिंदे को खड़ा किया, वे शिंदे भी स्वार्थ व कुर्सी के लिए भाजपा के साथ चले गए।

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