युवतियों और महिला फैंस के बीच हॉट केक बन चुके हर्षवर्धन राणे ने अपनी डेब्यू फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ के जरिए इंडस्ट्री में कदम रखा था। यह फिल्म २०१६ में रिलीज हुई थी। री-रिलीज के ट्रेंड के दौरान मावरा होकेन और हषवर्धन की फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ को री-रन में भी काफी पसंद किया गया। पेश है, स्टारडम के अनोखे दौर को दोबारा अनुभव कर रहे हर्षवर्धन राणे से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
फिल्मों के री-रिलीज ट्रेंड पर आपका क्या कहना है?
फिल्मों के री-रिलीज का चलन शुरू हुए अभी छह महीने ही हुआ है और दर्शक इस ट्रेंड को हाथों-हाथ ले रहे हैं। दर्शक इन फिल्मों को दोबारा देखने के लिए लालायित हैं, जबकि इन फिल्मों को रिलीज से पहले वैसी पब्लिसिटी नहीं मिलती, जैसा अमूमन नई फिल्मों के साथ होता है। नई फिल्मों की बजाय दर्शक पुरानी फिल्मों को जिस तरह से पसंद कर रहे हैं उसे देखकर ऐसा लगता है कि पहले रिलीज हो चुकी फिल्मों ने दर्शकों पर कुछ ऐसा जादू कर दिया है, जिसका सुरूर अभी तक नहीं उतरा।
कैसा रहा टीवी से फिल्मों में आना?
मुझे टीवी शो ‘लेफ्ट राइट लेफ्ट’ में पहली बार मौका मिला। जब इस शो को सफलता मिली, उस वक्त मैं नया था। मैं कोई और शो करता उससे पहले मुझे तेलुगू फिल्मों का ऑफर मिल गया। तेलुगू फिल्मों को मिली सफलता के बाद मुझे बॉलीवुड में मौका मिला और फिल्म ‘तैश’ में मैंने गैंगस्टर का किरदार निभाया। आगे चलकर ‘सनम तेरी कसम’, ‘तारा वर्सेस बिलाल’, ‘पलटन’, ‘सावी’ जैसी मेरी फिल्में रिलीज होती रहीं।
सुना है, आपके पैरेंट्स आपके फिल्मों में जाने के खिलाफ थे?
यह एक लंबी कहानी है। मेरे पिताजी ग्वालियर के नामी डॉक्टर थे। मेरा जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ। पिताजी मराठी तो मां तेलुगू भाषी हैं। मुझे हिंदी और तेलुगू भाषाओं का ज्ञान है। मैं भी पिता की तरह डॉक्टर बन जाऊं उनकी यह सोच गलत नहीं थी। मैं उस वक्त १६ वर्ष का था जब हम दिल्ली शिफ्ट हुए। मैं अभिनय में जाना चाहता था और वे चाहते थे मैं अवैâडमिक्स को तवज्जो दूं। खैैर, उनसे झगड़ा कर मैं घर से भाग निकला। अभिनय में मौका मिले इसके लिए मुझे काफी पापड़ बेलने पड़े।
पैसों की तंगी के कारण आपने अपनी मोटर बाइक बेच दी थी?
कोविड के दौरान मेरे संपर्क में दो ऐसे बच्चे आए, जो ऑक्सीजन के सिलिंडर्स का इंतजाम नहीं कर पा रहे थे। मैंने इन दो नन्हे मासूमों की जान बचाने के लिए अपनी मोटर बाइक बेच दी। आर्थिक तंगी के दौरान मैंने काफी संघर्ष किया, लेकिन २०२२ में मैं अपने देश का पहला ऐसा एक्टर था जिसने वैâम्पर वैन खरीदी। स्ट्रगल के दौरान मैंने डिलिवरी ब्वॉय तक का काम किया और मैंने जॉन अब्राहम को हेलमेट डिलिवर किया था। वेटर का काम करने के साथ ही मैंने कई तरह के संघर्ष किए। हर तरह के खट्टे-मीठे अनुभवों से मैं गुजरा हूं।
फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ के दौरान कैसे अनुभव रहे?
बहुत ही शानदार अनुभव रहा। मावरा होकेन से न केवल मेरी दोस्ती हुई, बल्कि हमारी केमिस्ट्री पर्दे पर नजर आई।
सुना है फिल्म में आपकी जगह किसी और हीरो को लेनेवाले थे?
ये बताएं कि ऐसा वाकया किस एक्टर के साथ नहीं होता, लेकिन कहते हैं न कि दाने-दाने पर लिखा है खानेवाले का नाम। जिसकी किस्मत में जो लिखा होता है वो उसे मिलकर रहता है। सुना है कि माइलस्टोन बन चुकी फिल्म ‘आराधना’ के लेखक सचिन भौमिक इस फिल्म के लिए उस दौर के पॉपुलर एक्टर विश्वजीत को लेनेवाले थे, लेकिन विश्वजीत के विदेश में होने के कारण उनका इंतजार करने की बजाय राजेश खन्ना को ले लिया गया, ताकि एकमुश्त डेट्स मिल जाए। खैर, मैंने और उस हीरो ने लगभग एक साथ ऑडिशन दिया था। ऑडिशन में उसे लेना फिक्स हो गया था, लेकिन निर्माता-निर्देशक ने आखिरी पलों में मुझे फिल्म में ले लिया। यह फिल्म मेरी किस्मत में थी।