सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव का कल बिगुल बज चुका है। इस बीच राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भले ही मेरी उम्र ८४ साल है, लेकिन मैं रुकने वाला नहीं हूं। यही नहीं भले ही उम्र ९० साल हो जाए, लेकिन मैं इसी तरह काम करता रहूंगा। शरद पवार का कहना है कि मैं महाराष्ट्र को सही रास्ते पर लाकर रहूंगा और इसके लिए हर वक्त काम करूंगा। उनका इशारा अजीत पवार की ओर था।
दस साल तक नहीं आई बहनों की याद
शरद पवार ने एक कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से घोषित लाडली बहन योजना पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि बहन तो बारामती में भी थी, लेकिन वहां उसके सामने चुनाव लड़ा गया। यही नहीं उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले तो बहन के खिलाफ चुनाव प्रचार हुआ और लड़ाई की गई। इसके बाद जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए तो वे बहन को याद करने लगे। शरद पवार ने कहा कि हमारे सामने सवाल यह है कि आखिर महाराष्ट्र किसके हाथों में रहना चाहिए। यह आम लोगों के हाथ में रहे या फिर किसी और को कमान मिले। पवार ने कहा कि आप जब भी अखबार खोलते हैं तो एक नई स्कीम पढ़ते हैं। यह स्कीम बहनों के बारे में होती है। हर कोई बहन का सम्मान करता है। परिवार में वह सबसे अहम होती है और उसका सम्मान करने से सभी को खुशी मिलती है। उन्होंने कहा, लेकिन मजे की बात तो यह है कि बीते १० सालों में बहनों को याद नहीं किया गया। देवेंद्र फडणवीस के समय में पूरे ५ साल बीत गए और बहनों की याद नहीं आई। इसके बाद भी बहनों को याद नहीं किया गया। उनकी याद उस वक्त आई, जब लोकसभा चुनाव में ४८ में से ३१ सीटें महाविकास आघाड़ी ने जीत लीं।
उन्होंने कहा कि आम जनता इन नेताओं से ज्यादा तेज है। बारामती में भी एक बहन सामने थी, लेकिन जनता ने बहन का साथ दिया। इस दौरान शरद पवार ने खुद के डटने की बात भी कही।