सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा द्वारा दायर की गई एक जनहित याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटा को लेकर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। इस याचिका में कहा गया है कि अगर चुनाव में नोटा को सबसे ज्याद वोट मिलते हैं तो उस निर्वाचन क्षेत्र में दोबारा इलेक्शन कराया जाए। इसके अलावा नोटा से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को अगले ५ साल तक चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए।
क्या है याचिका में?
इस याचिका में तर्क दिया गया है कि नोटा का मकसद सियासी दलों पर बेहतर उम्मीदवार खड़ा करने का दबाव बनाना है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जब किसी एक निर्वाचन क्षेत्र में करीब सभी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले लंबित होते हैं। ऐसे में वोटर क्या करे? वोटर के हाथ में नोटा एक शक्तिशाली हथियार है। शिव खेड़ा की तरफ से सीनियर वकील गोपाल शंकरनायराण ने सूरत लोकसभा सीट पर निर्विरोध जीत देने के मामले का हवाला दिया।
चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट मे नोटा को लेकर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह बात चुनाव प्रोसेस को लेकर भी है। ऐसे में हम देखते हैं कि चुनाव आयोग क्या जवाब देता है।
सूरत मामले के बाद नोटा जरूरी
आपको बता दें कि सूरत सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन खारिज हो गया था। इसके बाद बाकी उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया और बीजेपी उम्मीदवार की निर्विरोध जीत हो गई। याचिका में कोर्ट से मांग की गई कि वो चुनाव आयोग को इसको लेकर नियम बनाने का आदेश दे कि अगर नोटा को बहुमत मिलता है तो उस क्षेत्र में दोबारा चुनाव कराया जाएगा।