सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र अपराध के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है। वर्तमान में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं। साइबर अपराध में वृद्धि हो रही है। भ्रष्टाचार बढ़ा है। संगठित अपराध और हफ्तावसूली के मामले बढ़े हैं। ड्रग्स की तस्करी भी बढ़ रही है। मुंबई और महाराष्ट्र में बढ़ते अपराधों पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही। अगर सरकार कानून-व्यवस्था की ओर आंखें मूंदकर अंधत्व की भूमिका निभाएगी तो राज्य में अराजकता पैâलेगी। इस तरह की चेतावनी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) मुख्य प्रतोद सुनील प्रभु ने कल विधानसभा में सरकार को दी।
विधानसभा में अंतिम सप्ताह बजट सत्र में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सुनील प्रभु ने राज्य में अपराधों के आंकड़े पेश किए। अपराधों की बढ़ती संख्या, साइबर अपराधों में वृद्धि, महिलाओं पर अत्याचार, पुलिसकर्मियों की कमी जैसे मुद्दों पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। पुलिस के २,१९,८२२ स्वीकृत पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल १,९८,७०० पद भरे हुए हैं। इस तरह लगभग २२,१०८ पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों की संख्या मात्र ३६,००९ है। महाराष्ट्र में प्रति लाख जनसंख्या पर केवल १५५ पुलिसकर्मी हैं। ऐसी स्थिति में कानून-व्यवस्था वैâसे बनाए रखेंगे?
महावितरण की अडानी पर मेहरबानी
महावितरण कंपनी द्वारा अडानी समूह को सौर ऊर्जा और थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स के गैरकानूनी ठेके देकर भ्रष्टाचार किया गया है। ६,६०० मेगावाट के सौर और थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स के ठेके बिना विद्युत नियामक आयोग की मंजूरी के अडानी को दिए गए हैं। ये ठेके देते समय एमईआरसी के कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। १३ मार्च २०२४ को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। एक तरह से महावितरण ने अडानी पर मेहरबानी की है इसलिए सरकार को इसकी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।
कब खत्म होगा ड्रग्स रैकेट?
राज्य में नशीले पदार्थों की बिक्री का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। पुलिस ने जिस तरह से मुंबई के गैंगवार को खत्म किया, वैसे ही ड्रग्स रैकेट को क्यों नहीं खत्म कर पा रही? इस तरह का सवाल सुनील प्रभु ने कल विधानसभा में उठाया। इसके जवाब में गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने बताया कि पिछले एक साल में राज्य में ४२० करोड़ ९० लाख रुपए के नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं।