राजन पारकर / विधान भवन
नागपुर के लोग शांत स्वभाव के होते हैं, फिर भी वहां दंगा कैसे हुआ? अगर आप कहते हैं कि नागपुर के दंगे पूर्वनियोजित थे, तो फिर आप क्या हजामत कर रहे थे? ऐसे तीखे शब्दों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता जयंत पाटील ने सरकार पर निशाना साधा। वह बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे।
जयंत पाटील ने उठाए सरकार पर गंभीर सवाल
जयंत पाटील ने कहा, “राज्य में अब तक 12 दंगे हो चुके हैं। हमें यह समझना होगा कि दंगे क्यों हो रहे हैं और क्यों बढ़ रहे हैं? नागपुर दंगा एक पूर्वनियोजित साजिश थी, ऐसा राज्य सरकार कह रही है। अगर सरकार को यह पहले से पता था, तो फिर उन्होंने कुछ किया क्यों नहीं? क्या वे बस हजामत कर रहे थे?”
“नागपुर के लोग बेहद शांत स्वभाव के होते हैं, फिर भी वहां दंगा कैसे हुआ? राज्य को संभालने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है। लेकिन सरकार में बैठे लोग गलत चीजों का महिमामंडन कर रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो दावोस में किए गए 15 लाख करोड़ के करार कहीं और चले जाएंगे।”
सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत और इतिहासकार को धमकी का मुद्दा
जयंत पाटील ने आगे कहा, “नामदेव ढसाल कौन हैं, यह सवाल पूछा जा रहा है। हमने मांग की थी कि अधिकारी को गिरफ्तार किया जाए और नामदेव ढसाल का साहित्य पढ़ने दिया जाए।” “सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत के लिए पुलिस जिम्मेदार है। उसकी मां को न्याय कैसे मिलेगा? सत्र समाप्त होने वाला है, अब सरकार को सोमनाथ के परिवार को न्याय देना ही होगा।”
इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को दी गई धमकी पर भी जयंत पाटील ने सरकार को घेरा।
“प्रशांत कोरटकर कौन है? वह छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करता है, फिर भी उसे इतनी देर से गिरफ्तार क्यों किया गया? और गिरफ्तारी के बजाय उसे सुरक्षा क्यों दी गई?”
“अगर कोरटकर ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में गलत बोला है, तो क्या उसकी गिरफ्तारी हुई है या नहीं, यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। अगर उसने बकवास की, तो उसे सुरक्षा क्यों दी गई?”
“कामरा पर केस, सोलापुरकर पर क्यों नहीं?”
“कुणाल कामरा पर तो केस दर्ज हुआ, लेकिन सोलापुर के उन लोगों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और अन्य महापुरुषों के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं?” जयंत पाटील ने यह भी सवाल उठाया कि”जो लोग इस सदन से जुड़े भी नहीं हैं, उन्हें 5-10 सुरक्षा गार्ड कैसे दिए जाते हैं? यह सरकार की ढुलमुल नीति को दिखाता है।”
सरकार की नीतियों पर जोरदार प्रहार
जयंत पाटील ने अपने पूरे भाषण में राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था, ऐतिहासिक महापुरुषों के प्रति सरकार की उदासीनता और दंगे रोकने में सरकार की विफलता पर सवाल उठाए। उनके तंज और तीखे शब्दों से सरकार पर चौतरफा प्रहार हुआ।