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तुम्हें काफिर अगर हम बताएं

तुम्हें काफिर अगर हम बताएं
तुम्हारे विधालय में हम पढ़ जाए
तुम्हें काफिर अगर हम बताएं,
प्रतिद्वंदी बन तुम्हारा लहू बहाएं
बोलों तो फिर हमें भी जन्नत मिलेगा।
क्या जब मैं तुम्हारा गला रेतूंगा, तो
क्या हमें भी हूर और सबाब मिलेगा,
बम बांध शरीर पर जब फटूंगा
तो हमारे भी अंत्येष्ठि में जुलूस निकालेंगे।
बोलो तो फिर हमें भी जन्नत मिलेगा।
अलतकिया इस्तेमाल करूंगा
जकात में धन दूंगा जेहाद करूंगा ,
जो हमारे मत मतांतर नहीं मानेगा
उनसे जजिया वसूल करूंगा।
बोलों तो फिर हमें भी जन्नत मिलेगा।
कुछ साथ रहेंगे कुछ भटका कहेंगे
कुछ मोमबत्ती लेकर नारा बुलन्द करेंगे,
इन सबके बीच मैं भी ऐस करूंगा
अपनी अनैतिक इच्छा पूर्ण करुंगा।
बोलों तो फिर हमें भी जन्नत मिलेगा।
तुम्हारे विधालय में हम पढ़ जाए
तुम्हें काफ़िर अगर हम बताएं,
प्रतिद्वंदी बन तुम्हारा लहु बहाएं
बोलों तो फिर हमें भी जन्नत मिलेगा।
बोलों तो फिर हमें भी जन्नत मिलेगा।
-नरेन्द्र कुमार
 भोजपुर (आरा), बिहार

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