सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में अपने मंत्रालय से जुड़े कार्यों और सदस्यों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं में होनेवाली मौतों पर रोष जाहिर किया। इतना ही नहीं, उन्होंने सड़क परियोजनाओं में कॉन्ट्रैक्टर्स की लापरवाही से लेकर टोल केंद्रों की संख्या को लेकर भी जवाब दिया।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को
लेकर हुआ था सवाल
दरअसल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की खामियां गिनार्इं थीं और १५० से ज्यादा लोगों की मौत की बात कही थी। नागौर से सांसद ने बताया था कि अकेले दौसा में ही ५० से ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होंने एक्सप्रेस-वे पर लगाए गए ठेकेदारों और अफसरों पर कार्रवाई और जांच रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री से जानकारी मांगी थी। इस पर गडकरी ने कहा कि लेयर में फर्क आया है, लेकिन मैटेरियल में बदमाशी नहीं हुई है।
सड़क हादसों में १ साल में
१.६८ लाख लोगों की मौत
गडकरी ने लोकसभा में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि तमाम कोशिशों के बावजूद देश में सड़क हादसों की वजह से एक साल के अंदर १.६८ लाख लोगों की मौत हुई है। इन दुर्घटनाओं में मरनेवालों में ६० फीसदी युवा थे। उन्होंने सदन में कहा कि यह स्थिति दुखद है और इसे रोकने के लिए समाज को सहयोग करना होगा।
गडकरी ने कहा कि किसी भी कॉन्ट्रैक्टर को अपने कॉन्ट्रैक्ट के लिए मंत्रालय नहीं आना पड़ा। हम पारदर्शी हैं, समय सीमा को लेकर प्रतिबद्ध हैं और नतीजे चाहते हैं। मैं सार्वजनिक सभा में कह चुका हूं कि अगर कॉन्ट्रैक्टर काम नहीं करेगा तो बुलडोजर के नीचे उसको डलवा देंगे, याद रखना। इस साल देखो कॉन्ट्रैक्टर को वैâसे ब्लैक लिस्ट करवाते हैं।