सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के हेलिकॉप्टर की लगातार दूसरे दिन तलाशी ली गई। पहले वणी और फिर औसा में चुनाव अधिकारियों ने उनके बैग चेक किए। इसका वीडियो भी सामने आया। ऐसे में चुनाव आयोग की एकतरफा कार्रवाई पर आलोचनाओं की बौछार हो रही है। इस पर चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे मोदी और शाह की वाहनों की भी जांच करेंगे। इस पर शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा है कि हिम्मत है तो वह मोदी और शाह के वाहनों की जांच करने की बात करने वाले ये करके दिखाएं।
मीडिया से बात करते हुए संजय राऊत ने कहा कि पिछले ५-१० सालों में हमने ऐसी स्थिति नहीं देखी है, जब चुनाव आयोग और उनके लोगों पर भरोसा किया जाए। इनका काम जांच और नाकेबंदी करना है, लेकिन पिछले तीन सालों में हमने देखा है कि उनकी गतिविधियां एकतरफा हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से चुनाव आयोग ने विधायकों को अयोग्य घोषित करने का फैसला किया, कानून का उल्लंघन किया और शिवसेना पक्ष व चुनाव चिह्न को फूटे हुए गुट को सौंप दिया उस पर महाराष्ट्र के लोग भरोसा नहीं कर सकते। चुनाव आयोग हर मामले में मोदी और शाह के दबाव में काम कर रहा है। एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार, अमित शाह, लोढ़ा ने जहां चाहा वहां पैसा पहुंचाया। यहां तक कि ‘ाणे में भी पुलिस की गाड़ी से डिलिवरी हुई। हमने यह नहीं देखा कि इन कारों को कहां रोका गया या उनकी तलाशी ली गई। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों या उनके नेताओं का बैग चेक करना गलत नहीं है। लेकिन क्या बांटे और आदान-प्रदान किए जाने वाले पैसे को उद्धव ‘ाकरे जैसे नेता अपने थैलों में भरकर रखते हैं? यह एक तरह का सामान्य ज्ञान है। हमने दिखाया था कि कैसे लोकसभा चुनाव के दौरान एकनाथ शिंदे हेलिकॉप्टर से बैग ले जा रहे थे। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। संजय राऊत ने यह भी कहा कि हेलिकॉप्टर और विमानों की तलाशी का यह खेल लोग जानते हैं।
शिवसेना, राकांपा को तोड़ने के पीछे अडानी का हाथ
संजय राऊत ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार गिराने को लेकर दिल्ली में हुई बै’क में गौतम अडानी मौजूद थे। गौतम अडानी, अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस की मीटिंग में सरकार गिराने की साजिश रची गई। हमने ढाई साल तक अच्छे से सरकार चलाई। लेकिन अडानी को ये सरकार नहीं चाहिए थी। इस मुंबई और महाराष्ट्र को वे निगलना, खरीदना और नोचना चाहते हैं। इसलिए अजीत पवार का कहना है कि मोदी, शाह ने शिवसेना को तोड़ा और उसके लिए अडानी का इस्तेमाल किया। अजीत पवार मान रहे हैं कि शिवसेना और राकांपा को तोड़ने में अडानी का हाथ था। मोदी, शाह, फडणवीस ने मुंबई, महाराष्ट्र के उद्योगपतियों को बेचने की चाल चली और वह सफल रहे। इसलिए हमारी लड़ाई गौतम अडानी और उनके व्यापारिक रवैये के खिलाफ है। मोदी, शाह, शिंदे, फडणवीस और अडानी एक ही हैं। संजय राऊत ने यह भी आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सरकार इसलिए गिराई गई, क्योंकि अडानी राज्य का सूत्र अपने हाथ में चाहते थे।
‘ये बहुत गंदी राजनीति हैं!’
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे हर दिन तीन-चार सभाएं कर रहे हैं। इसी तरह पिछले दो दिनों से चुनाव अधिकारियों द्वारा उद्धव ठाकरे के बैग की जांच की जा रही है। इस जांच के वीडियो खुद उद्धव ठाकरे ने रिकॉर्ड करके शेयर किए हैं। इस पर एनसीपी (शरदचंद्र पवार) पार्टी की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने सत्तापक्ष की तीखी आलोचना की है। रोजाना बैगों की जांच और टारगेट किया जा रहा है। विपक्षी दलों की जांच क्यों हो रही है? अमोल कोल्हे के बैग की जांच की गई। हर दिन उद्धव ठाकरे के बैग की जांच की जा रही है। सुप्रिया सुले ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत गंदी राजनीति है। सुप्रिया सुले ने नागपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए उक्त आलोचना सत्ताधारियों पर की। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है, यह देश संविधान से चलता है। अदृश्य शक्तियों की मनमानी से नहीं चलता। हमें जो संस्कार मिले है, उसमें हमें सभी को साथ लेकर चलने के मिले हैं। `बंटेंगे तो कटेंगे’ यह बयान बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के खिलाफ हैं। अलगाव की भाषा हमारे संविधान में नहीं है।