उप-तहसीलदार ने दी जानकारी
सामना संवाददाता / ठाणे
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेशानुसार अब गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रिंसिपल, शिक्षक और कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी से मना करना भारी पड़ सकता है। ठाणे तहसीलदार कार्यालय ने एक पत्रक निकाला है, जिसमें लोकसभा चुनाव में काम करनेवाले शिक्षकों और कर्मचारियों को प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर और मतदान प्रक्रिया सहित अन्य कार्यों के लिए निर्धारित समय के अनुसार उपस्थित रहने की अपील की गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि चुनाव कार्य का विरोध करनेवाले शिक्षकों और कर्मचारियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि ठाणे तहसीलदार कार्यालय के उप-तहसीलदार दिनेश पैठणकर ने कहा कि लोकसभा चुनाव के कार्य के लिए आवश्यक मैनपावर का समन्वय निर्वाचन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए सभी कार्यालयों के अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद ली जा रही है। इसके अलावा सभी स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को भी इस चुनाव कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, अनएडेड स्कूल्स फोरम के नेतृत्व में ठाणे और नई मुंबई क्षेत्र के गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों ने चुनाव कार्य का विरोध किया और इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिसके संदर्भ में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस याचिका पर तुरंत संज्ञान लिया और चुनाव कार्य से इनकार करनेवाले गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रिंसिपलों, शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। पैठणकर ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई का रास्ता साफ
इसके अलावा पैठणकर ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्पष्ट किया है कि हाई कोर्ट ने गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के फोरम पर नाराजगी जताई है इसलिए ठाणे और नई मुंबई क्षेत्र में गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।