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जाना है मुंबई टू हैदराबाद तो खरीदो रु. १,२४९ का टिकट रु. ७,५०० में! … रेलवे में दलालों का फैला आतंक


टीसी को दी देख लेने की धमकी

फिरोज खान / मुंबई
मेल ट्रेनों के टिकटों की कालाबाजारी और लूट खुलेआम चल रही है। आम लोगों को कन्फर्म टिकट पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो गया है। इसी का फायदा दलाल खुलेआम उठा रहे हैं। ई-टिकट हो या विंडो टिकट, हर जगह कालाबाजारी चल रही है। ताज्जुब तो तब हुआ जब एक २२ वर्षीया युवती से दलालों ने १,२४९ रुपए के टिकट के लिए ७,५०० रुपए वसूल लिए। इस महिला को मुंबई से हैदराबाद जाना था।
दलालों ने इतना पैसा लेने के बाद महिला को उसके नाम के बजाय दूसरे नाम का टिकट थमा दिया। गलत नाम से यात्रा कर रही महिला से जब टीसी ने पूछा तो उसने बताया कि मुंबई सेंट्रल से आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट से टिकट लिया है। एजेंट ने टिकट के ७,५०० रुपए लिए हैं। पीड़ित महिला ने एजेंट से बात करवाई तो एजेंट ने विजिलेंस और रेलवे के आला अफसरों के नाम से टीसी को ही धमकी दे डाली। मिली जानकारी के अनुसार, भायंदर-पूर्व में रहनेवाली गुरप्रीत कौर नाम की युवती ने मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाहर से आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट से १२ फरवरी का मुंबई से हैदराबाद का थर्ड एसी का टिक्ट लिया था। गुरप्रीत कौर ने आरोप लगाया है कि एजेंट ने १,२४९ रुपए के टिकट के ७,५०० रुपए वसूल लिए। इतना ही नहीं, गुरप्रीत कौर की जगह एजेंट ने एच कौर नाम का टिकट थमा दिया।
आरपीएफ में शिकायत दर्ज करवाएगी
रेलवे टिकटों पर दलालों का कब्जा होने से जनता मजबूरी में ज्यादा पैसे देकर टिकट खरीद रही है। स्लीपर टिकट का दो से ढाई हजार तो थर्ड एसी का चार से साढे चार हजार रुपए दलाल ले रहे हैं। दलाल कई सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रेलवे सिक्युरिटी को चकमा देकर कुछ ही मिनटों में ट्रेन टिकटों की भारी मात्रा में बुकिंग कर लेते हैं। रूट्स की मांग के अनुसार, बल्क में टिकट बुक कर लेते हैं और कालाबाजारी करते हैं।

१,०८८ ई-टिकटों की कालाबाजारी
अप्रैल २०२३ में आरपीएफ ने सभी ६ मंडलों में दलालों के खिलाफ कार्रवाई की थी। कार्रवाई में १,०८८ ई-टिकटों की अवैध दलाली के ४६ मामलों के साथ-साथ लगभग २६.७० लाख रुपए के आरक्षण टिकटों को जप्त किया गया था। रेलवे की लाख कोशिशों के बावजूद दलाली का काला कारोबार थम नहीं रहा है। सूत्र बताते हैं कि दलालों की जड़ें रेलवे के आला अफसरों तक पैâली हुई है, जिसके चलते दिखावे के लिए उन पर कार्रवाई की जाती है और बाद में फिर से कालाबाजारी शुरू हो जाती है।

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