लिखना है तो…

लिखना है तो गाना लिख दो।
गीत कोई मर्दाना लिख दो।।
इस सुरंग से आगे बढ़कर ।
कोई नया जमाना लिख दो ।।
हंसमुख मौसम लाने वाला।
एक नया अफसाना लिख दो।।
लिखना है तो कलम उठाओ ।
गलती पर पछताना लिख दो ।।
क्रांति गीत कैसे लिखना है ।
होकर आज दीवाना लिख दो ।।
लाओ तुम बदलाव अचानक ।
गाना वही पुराना लिख दो ।।
इंकलाब क्यों रुका हुआ है ।
चाहो तो समझना लिख दो ।।
कहां जा रहे इसी बात पर।
सुंदर एक तराना लिख दो ।।
जो भटके हैं उन्हें जगा कर ।
कवि का धर्म निभाना लिख दो ।।
कहता हूं कुछ संकेत में।
आगे बात बढ़ाना लिख दो ।।
लिखना है तो गाना लिख दो ।
गीत कोई मर्दाना लिख दो ।।

अच्छे से समझाओ

अच्छे से समझाओ साथी ।
सारी बात बताओ साथी।।
फैल गया है रोग यहां पर ।
जल्दी इसे हटाओ साथी।।
बकवादी बकवाद कर रहे।
इनसे पिंड छुड़ाओ साथी।।
बेमतलब के शब्द रो रहे ।
इनको ज्ञान पिलाओ साथी ।।
रक्षक की तुम दिशा देख लो।
फिर हमसे बतियाओ साथी।।
दिशाहीनता मार रही है।
सही दिशा में लाओ साथी।।
हम तो अब आजीज आ गए ।
कुछ करके दिखलाओ साथी।।
अतरंगी यह हवा बह रही ।
मौसम नया बनाओ साथी ।।
सर धूनो या माथा पीटो।
अमन चैन अब लाओ साथी।।
नफरत वाले हर मिजाज को ।
उसकी जगह दिखाओ साथी ।।
दुनिया भर का झंझट छोड़ो ।
प्रेम यहां फैलाओ साथी।।
-अन्वेषी

अन्य समाचार