– सिडको की भी टूटी नींद
– २,२०० अवैध निर्माण हटाए गए
सामना संवाददाता / नई मुंबई
नई मुंबई, पनवेल, उलवे, ड्रोनागिरी और नैना (नई मुंबई हवाई अड्डा प्रभाव अधिसूचित क्षेत्र) क्षेत्र में सिडको द्वारा हाल ही में शुरू की गई अतिक्रमण हटाओ मुहिम से कई सवाल खड़े हुए हैं। रिपोर्ट की मानें तो इस साल अब तक करीब २,२०० अवैध निर्माण गिराए गए हैं और ५६ एकड़ जमीन को वापस हासिल किया गया है, जिसकी कुल कीमत २,५०० करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है। हालांकि, यह कार्रवाई प्रशासन की तत्परता नहीं, बल्कि वर्षों की लापरवाही की भरपाई जैसी लगती है।
नैना जैसी योजनागत क्षेत्रों में जहां एयरपोर्ट, एज्यूसिटी, मेडिसिटी और लॉजिस्टिक्स पार्क जैसी बड़ी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, वहां पर समय रहते कार्रवाई न करना सिडको की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। खारघर में एक अवैध इमारत में ९० फ्लैट बनाए गए और बेचे भी दिए गए, जिससे ३०० करोड़ रुपए की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हुआ और आम खरीदार ठगे गए।
सीयूसी (अनधिकृत निर्माण नियंत्रक) ने भी हाल के वर्षों में तेजी दिखाई है। पिछली बार ५४७ तोड़-फोड़ अभियानों में २,१०२ अवैध निर्माण हटाए गए थे। लेकिन सवाल यही है कि क्या ये कार्रवाई पहले नहीं की जा सकती थी? अगर सिडको और सीयूसी समय रहते संयुक्त रूप से निगरानी और नियंत्रण रखती तो न इतनी जमीन पर कब्जा होता और न ही आम जनता का नुकसान होता। अब जबकि जमीन की जरूरत महसूस हो रही है तो प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है, लेकिन ये बचाव की बजाय उपचार वाला रवैया है। आगे चलकर ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए, इसके लिए जरूरी है कि सिडको, सीयूसी और अन्य विभागों के बीच समन्वय हो और जमीनी स्तर पर सक्रिय निगरानी व्यवस्था लागू की जाए।