मुख्यपृष्ठनए समाचारजटिल बीमारियों का खात्मा करने में आईएमए की महत्वपूर्ण भूमिका-डॉ. एमके जैन

जटिल बीमारियों का खात्मा करने में आईएमए की महत्वपूर्ण भूमिका-डॉ. एमके जैन

सामना संवाददाता / विदिशा

एमपी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए कार्यकारिणी की बैठक एक होटल में हुई। बैठक को संबोधित करते हुए एमपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एमके जैन ने कहा कि आईएमए एक राष्ट्रीय स्तर का मान्यता प्राप्त संगठन है और हर एमबीबीएस डॉ. इसके सदस्य बन सकते हैं और भारत सरकार अपनी स्वास्थ्य नीति बनाने में आईएमए के मत को ही मान्यता प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि आईएमए अपने सदस्यों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रदान करने तथा जटिल बीमारियों को नेस्तनाबूद करने और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही अपने साथी सदस्यों के अधिकारों को भी संरक्षित करती है। सभी चिकित्सक साथियों को इसका सदस्य अवश्य ही बनना चाहिए। विदिशा में तो लगभग 90 फीसदी चिकित्सक इसके सदस्य हैं। आईएमए के एमपी में करीब 12,000 सदस्य और 69 शाखाएं कार्यरत हैं। जनहित में शाखाएं प्रतिमाह सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत नई खोजों और नए-नए उपचार से साथी सदस्यों को अपने मरीजों को इलाज में सहायता प्रदान करते हैं।
आईएमए प्रदेश सचिव डॉ. पुष्पराज भटेले ने कहा कि आयुष्मान योजना एक अच्छी योजना है, जिससे गरीब मरीजों के इलाज में मदद मिलती है। लेकिन ओपीएस ट्रीटमेंट और ऑर्गन डोनेशन तथा प्रजनन संबंधी उपचार की सुविधा भी उपलब्ध होना चाहिए। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. बाय सुब्बाराव ने कहा कि नए-नए मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना अच्छी है, लेकिन उनमें फैकल्टी की उपलब्धता भी जरूरी है। प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जेके परियानी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सकों को सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं मिलना चाहिए, तभी वह बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगे और उन्हें उचित वेतन और भत्ते तथा निश्चित समय के पश्चात शहरी क्षेत्र में स्थानातंरण की भी सुविधा मिलना चाहिए।
प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. एनके त्रिवेदी ने बताया कि हर आईएमए मेंबर को कवर संस्था द्वारा एक वर्ष का दस लाख का प्रोफेशनल इंडेम्निटी बीमा भी निःशुल्क दिया जा रहा है। भोपाल के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. जयंत यादव ने बताया कि हर आईएमए सदस्य को फैमिली बेनिफिट के तहत सोशल सिक्योरिटी स्कीम के भी सदस्य अवश्य बनना चाहिए, ताकि उनकी फैमिली को एक मुस्त सहायता मिल सके। भोपाल के डॉ. राकेश भार्गव ने बताया कि ऑर्गन डोनेशन का कार्य एक जन हितैषी कार्य है और ऑर्गन और बॉडी डोनेशन करने वालों का सम्मान होना चाहिए।
पैथोलॉजिस्ट डॉ. राजेंद्र निगम ने बताया कि रक्त की बीमारियों जैसे थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया और हीमोफीलिया से पीड़ित मरीजों के जागरूकता के लिए कार्य करने के लिए हम इनके माध्यम से तैयार हैं। मीटिंग में पूरे प्रदेश के मुख्यत: भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, कटनी, रीवा और विदिशा के कार्यकारिणी सदस्य पूर्व आईएमए अध्यक्ष डॉ. अरविंद जैन, डॉ. सुरेश वर्मा, डॉ. एच आर, डॉ. एस एम सिरोठिया, डॉ. अनूप निगम, डॉ. पी नेमा, डॉ. जी के नगर तथा जोनल चेयर पर्सन और विशेष आमंत्रण सदस्य शामिल हुए। कार्यक्रम के शुभारंभ में विदिशा के अध्यक्ष डॉ. राजीव जैन और सचिव डॉ. राहुल जैन, डॉ. संजय अग्रवाल ,पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र सोनकर, डॉ. चंद्रकांत, डॉ. धर्मेंद्र रघुवंशी, डॉ. रूपाली जैन, डॉ. झांसी रानी द्वारा अतिथियों का सम्मान किया गया।

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