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 500 करोड़ रुपए के ‘भारत दाल’ घोटाला! …सरकार ने दिए जांच के आदेश

– 500 करोड़  रुपए की भारत दाल स्कीम के चना घोटाले में हुए जांच के आदेश

– बाजार भाव से कम मूल्य पर एक लाख टन चना से दाल बनाकर करनी थी बाजार में सप्लाई

– 500 करोड़ रुपए की भारत दाल स्कीम का चना एचएसीए ने दाल मिलों को सीधे बेचा

– इस घपले की शिकायत मथुरा के एक व्यापारी ने केंद्र सरकार से की थी

कमलकांत उपमन्यु / मथुरा

मथुरा के एक व्यापारी की शिकायत पर भारत दाल स्कीम में 500 करोड़ रुपए घोटाले की जांच के आदेश केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक फरवरी को इस पूरे मामले की जांच के आदेश कर दिए हैं। उपनिदेशक राजीव कुमार ने संबंधित अधिकारियों से जवाब भी तलब कर लिया है और कहा कि एचएसीए को दाल को बाजार भाव से कम पर बेचना था, पर उसने सीधे चना ही बेच दिया। इस पूरे मामले की शिकायत मथुरा के ही एक व्यक्ति ने की थी।
कांग्रेस की तेलंगाना राज्य सरकार के अधीन हैदराबाद एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव (एचएसीए) ने नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) ने चना स्कीम को पलीता लगा दिया। यह योजना महंगाई को नियंत्रित करने के लिए लागू की गई थी। एक लाख टन चना की ‘भारत दाल’ बना करके बाजार भाव से कम मूल्य पर बेचने की योजना में बड़ी हेराफेरी करके 500 करोड़ रुपए की इस स्कीम में बड़ा गोलमाल किया गया। इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत सरकार केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के कार्यालय में की गई थी। नेफेड के एमडी, सीबीआई डायरेक्टर समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी की गई ।
नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) ने एक लाख टन चना को प्रोसेसिंग कर दाल बनाने और आम उपभोक्ता को राहत देने के लिए बाजार भाव से कम मूल्य पर बाजार में ही बेचने का टेंडर हैदराबाद एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव को दिया गया, मगर हैदराबाद एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव ने इसकी भारत दाल नहीं बनाई और इस चने को ही सीधे दाल मिलों को सीधे बेचना शुरू कर दिया गया है। सड़क परिवहन और रेल परिवहन के जरिए से दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान और अन्य शहरों में भेजा जा रहा है। इसका सीधा असर गरीब पर पड़ रहा है। फिलहाल, उनके सस्ती दर पर चना दाल नहीं मिल पा रही है। बड़े व्यपारी इसका लाभ उठा रहे हैं। इसमें बड़े अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।
सूत्रों के अनुसार, गरीबों के हक को डकारने के चल रहे इस खेल की शिकायत केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग राज्यमंत्री, भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति से की गई है। खाद्य आयुक्त भारत सरकार, सीबीआई निदेशक, एमडी नेफेड समेत अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की। हैदराबाद एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव (एचएसीए) के कारनामें की जांच कर इस गड़बड़झाला पर तत्काल रोक लगाने की भी मांग की है। एचएसीए के ऊपर जो गंभीर आरोप लगाया है। उसकी जांच के लिए विभिन्न मार्गों के टोल प्लाजा से पास हुए चना और रेलवे से किए जा रहे परिवहन की एंट्री को बड़ा साक्ष्य बताया है। सूत्रों कहना है कि एक रैक जल्द दिल्ली पहुंचने वाली है। इसको रोका जाए तो एचएसीए की करतूत उजागर हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि जब तक इस पूरे प्रकरण की जांच न हो जाए, तब तक जल्द दिल्ली पहुचाने वाली रैक और सड़क परिवहन से आ रहे इस चना को रोक दिया जाए और जांच के बाद ही आगे की कर्रवाई की जाए।

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