अनिल मिश्र / जहानाबाद
पिछड़े राज्यों में शुमार बिहार प्रदेश के जिस जिले की कभी पहचान नक्सली हिंसा एवं जातीय संघर्ष के साथ-साथ गोलियों की तड़तड़ाहट और बमों की आवाज सुनाई देती थी, वहीं अब लाइट, कैमरा एवं एक्शन जैसे शब्द सुनने और रुपहले फिल्मी पर्दों के दिखने वाले फिल्मी कलाकारों की जोड़ी देखने को मिल रही है। पिछड़े राज्यों में शुमार बिहार प्रदेश के जहानाबाद में बिहार की पहली फिल्म सिटी, हैदर काजमी फिल्म सिटी की हवा और वातावरण बॉलीवुड कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को खूब भा रही है। अब तक आधा दर्जन से ज्यादा भोजपुरी और हिंदी फिल्मों के निर्माण का गवाह रही इस फिल्म सिटी में हर वो लोकेशन और साजो सामान मौजूद है, जो किसी बड़ी फिल्म सिटी या स्टूडियों में होती है। जहानाबाद के अलीनगर पाली गांव में जहां इन दिनों प्रोडक्शन नंबर-एक फिल्म की शूटिंग हो रही है। कभी जहानाबाद जिले का नाम जेल ब्रेक की घटना से चर्चित हुआ था, लेकिन अब इस शहर की बदली फिजा इन दिनों रुपहले पर्दे के कलाकारों की पसंदीदा जगह बन गई है।
बिहार प्रदेश की राजधानी पटना से महज पचास किलोमीटर दूर बनी यह फिल्म सिटी उन फिल्म निर्माताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है, जो फिल्म गांव और ग्रामीण परिवेश पर आधारित हो इसी कड़ी में फिल्म प्रोडक्शन नंबर एक की शूटिंग करने पहुंचे बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार और हिंदी फिल्मों में अपनी एक्टिंग से धमाल मचा चुके अखिलेंद्र मिश्रा ने बताया कि बिहार की बदली फिजा मुंबईया कलाकारों को अपनी ओर आकर्षित करने लगी है।
इस बीच एक फिल्म की मुहूर्त पर पहुंचे बिहार सरकार के लघु जल संसाधन के मंत्री और हम पार्टी के वरिष्ठ नेता संतोष कुमार सुमन ने इस फिल्म सिटी की प्रशंसा करते हुए बताया कि दूर दराज के गांवों में भी अब बिहार की बेहतर छवि पेश करने की कवायद शुरू हो गई है। इस फिल्म सिटी के माध्यम से बिहारी कलाकारों को अब महाराष्ट्र की राजधानी और मायानगरी के नाम से मशहूर मुंबई में धक्का खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अपने बिहार प्रदेश की यह पहली फिल्म सिटी है, जहां मुंबई से कलाकार यहां पहुंच कर फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। वहीं फिल्म सिटी खुलने से बिहारी कलाकारों को सीखने में मदद तो होगी ही, साथ ही उन्हें अब मुंबई जैसे शहरों में धक्का खाने जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
पिछड़े राज्य बिहार में पहली फिल्म सिटी को बनाने में अपनी पूरी ऊर्जा लगाने वाले और भोजपुरी फिल्म के मिथुन चक्रवर्ती के नाम से प्रसिद्ध अभिनेता हैदर काजमी ने बताया कि अब तक इस फिल्म सिटी में छह से ज्यादा भोजपुरी और हिंदी फिल्मों का निर्माण हो चुका है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि राजधानी पटना, बोधगया, राजगीर, ककोलत और गया जैसे प्रसिद्ध लोकेशन के बीचों-बीच बनी इस फिल्म सिटी में निर्मित कई फिल्में विदेश में फिल्म महोत्सव में अपना झंडा फहरा चुकी है। वहीं उन्होंने कहा कि पूरे देश और विदेशों में बिहार प्रदेश की जिस तरह की छवि बना दी गई है। वह चाहते हैं कि कला और संस्कृति के माध्यम से पुरानी चीजों को बदली जाए, जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है। इस बीच उन्होंने बताया कि अगर बिहार सरकार उनकी मदद करे, तो बिहारी कलाकारों को काम की तलाश में मुंबई जाना नहीं पड़ेगा।