सामना संवाददाता / आजमगढ़
आजमगढ़ लोकसभा और लालगंज लोकसभा सीट की यूं तो सभी विधानसभाओं में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया है, लेकिन हैरत यह कि उसके बड़े-बड़े सूरमा भी अपने यहां के बूथ नहीं जिता सके हैं। जेल में बंद बाहुबली रमाकांत यादव के बूथ तक पर भाजपा की दुर्गति हुई। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय और जिला अध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव तक अपना बूथ हार गए। हार होने से भाजपा खेमे में अभी भी मायूसी छाई हुई है। बीजेपी के प्रत्याशी तो घर से बाहर जनता के बीच भी नहीं जा रहे हैं। आजमगढ़ सीट पर सपा के धर्मेंद्र यादव ने अखिलेश यादव के बाद दूसरी सबसे बड़ी एक लाख ६१ हजार वोटों से जीत दर्ज कर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के जीत के मंत्र को ग्रहण करने वाले बीजेपी के सोशल मीडिया वालंटियरों की भी हैरानी बढ़ा दी है। बूथवार जीतने की रणनीति के बाद भी लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले से ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर योगी सरकार के मंत्री कार्यकर्ताओं का सम्मेलन कर हर बूथ को जीतने का मंत्र देने में जुट गए थे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तो बीजेपी सोशल मीडिया वालंटियरों में भी चुनाव के बीच जीत का मंत्र जोश भर गए थे। लालगंज लोकसभा के फूलपुर पवई विधानसभा के सपा के विधायक रमाकांत यादव जेल में बंद रहने के बाद भी अपने गांव के बूथ पर बीजेपी को हराने में कामयाब हो गए। इस बूथ पर सपा को ३३० वोट मिले, जबकि भाजपा को १६८ और बसपा को मात्र १० वोट ही मिल पाया।