मुख्यपृष्ठसमाचारठाणे में ‘जल'नीति का श्रेय लेने में शिंदे गुट और भाजपा में खींचतान! 

ठाणे में ‘जल’नीति का श्रेय लेने में शिंदे गुट और भाजपा में खींचतान! 

-ठाणे में जलापूर्ति को लेकर शुरू है रिमॉडलिंग योजना

सामना संवाददाता / ठाणे

ठाणे स्थित घोड़बंदर परिसर राजनीतिक रूप से काफी अहम हिस्सा माना जाता है। पिछले कुछ सालों से इस इलाके में चल रही पानी की समस्या पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। इसमें भी किस क्षेत्र को अधिक पानी मिले, इसके लिए राजनीतिक पक्षपात की लड़ाई शुरू हो गई है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से शिंदे और भाजपा में खींचतान चल रही है। इस जल की राजनीति में ठाणेकर किसे श्रेय देंगे यह तो आगामी चुनाव में ही साफ होगा।
क्या है योजना?
बता दें कि ठाणे मनपा क्षेत्र में प्रतिदिन चार स्रोतों से ५८५ मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। इसमें ठाणे महानगरपालिका योजना से २५० मिलियन लीटर, एसटीईएम प्राधिकरण से ११५ मिलियन लीटर, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम से १३५ मिलियन लीटर और मुंबई मनपा से ८५ मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। कुछ दिन पहले मनपा आयुक्त के समक्ष हुई जनसुनवाई में घोड़बंदर इलाके के नागरिकों ने यहां पानी का मुद्दा उठाया था। पानी की आपूर्ति बढ़ाने की भी मांग की गई, लेकिन घोड़बंदर में पानी की समस्या अभी से ही नहीं बल्कि पिछले ८-१० सालों से जस की तस बनी हुई है। इसका अभी तक समाधान नहीं हो सका है। मनपा ने अब यहां जलापूर्ति सुधारने के लिए रीमॉडलिंग योजना बनाई है।
अब तक शुरू नहीं हुआ है कार्य
टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, लेकिन इसका काम अब तक शुरू नहीं हो सका है, जबकि मनपा ने भविष्य में होने वाली पानी की कमी को दूर करने के लिए स्टेम, बारवी डैम के साथ ही सूर्या डैम से पानी लेने की योजना बनाई है, लेकिन बैठक नहीं होने के कारण जल संकट का समाधान नहीं हो सका है।

तीन नेताओं के बीच छिड़ी है जंग
-घोड़बंदर जल मुद्दे पर अब भाजपा के दो और शिंदे गुट के एक नेता के बीच श्रेय को लेकर लड़ाई शुरू है।
– घोड़बंदर का कुछ क्षेत्र शिंदे प्रताप सरनाईक के ओवला माजीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आता है, जबकि हीरानंदानी तक का क्षेत्र ठाणे शहर के भाजपा विधायक संजय केलकर के निर्वाचन क्षेत्र में आता है।
– आने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए अब इस मामले में पूर्व सांसद संजीव नाईक भी कूद पड़े हैं।

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