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ठाणे जिले में भाजपा ने चुन-चुनकर दिया शिंदे के कट्टर विरोधियों को टिकट! … शिंदे गुट ने प्रचार न करने की दी धमकी

सामना संवाददाता / मुंबई
ठाणे जिले में शिंदे गुट अपना गढ़ मानता है, जबकि भाजपा ने चुन-चुनकर उन लोगों को टिकट दिया है जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सुपुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे के कट्टर विरोधी हैं। भाजपा की इस नीति से शिंदे गुट में खलबली मच गई है। परिणामस्वरूप खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए शिंदे गुट धमकी दे रहा है कि भाजपा उम्मीदवारों का प्रचार नहीं करेंगे।
गौरतलब हो कि शिंदे गुट के कड़ा विरोध के बाद भी भाजपा ने सुलभा गायकवाड को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा ठाणे से संजय केलकर को उम्मीदवार बनाने से भी शिंदे गुट नाराज हैं। क्योंकि केलकर ने शिंदे गुट का मनपा में चल रहे भ्रष्टाचार को सदन और सदन के बाहर उठाया था। जिससे शिंदे गुट नाराज बताया जाता है। इसके अलावा एकनाथ शिंदे ठाणे को अपना गढ़ मानते हैं। ऐसे में भाजपा की ओर से उम्मीदवार उतारने को वे गलत मान रहे हैं। नई मुंबई में गणेश नाईक और शिंदे के बीच जंग सर्वविदित है और मुरबाड में किशन कथोरे को उम्मीदवारी दिए जाने पर शिंदे गुट को एतराज था। शिंदे गुट की नाराजगी को ठेंगा दिखाते हुए भाजपा ने सभी शिंदे विरोधियों को टिकट देकर शिंदे को उनकी औकात दिखा दी है। उक्त सीटों को लेकर बढ़े मतभेदों को दूर करने के लिए अमित शाह ने गत बुधवार को दिल्ली में मीटिंग की, जिसमें उप मख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले मौजूद थे। एकनाथ शिंदे गुट की धमकी का असर आसपास की अन्य सीटों पर भी दिख सकता है। भाजपा ने कल्याण पूर्व सीट से मौजूदा विधायक गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ को उतारा है। गणपत फिलहाल जेल में हैं और उन पर शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ पर थाने के अंदर फायरिंग करने का आरोप है।

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