प्रेम यादव / मीरा भायंदर
भायंदर विधानसभा सीट पर `कमल’ और `बल्लेबाज’ की लड़ाई में `पंजा’ बल्लेबाजी करता नजर आ रहा है। इस सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय के त्रिकोणीय मुकाबले में मुजफ्फर हुसैन का पलड़ा भारी होता नजर आ रहा है। इस सीट पर राजनीतिक और सामाजिक समीकरण में भले कोई भी भारी हो, लेकिन मेहता और जैन के बीच मतों के बंटवारे का सीधा फायदा हुसैन को होता दिख रहा है और अब तक के इतिहास में पहली बार कांग्रेस १४५ विधानसभा में अपना झंडा गाड़ने के स्थिति में आ गया है।
जैन-मेहता की लड़ाई के बीच मुजफ्फर कर सकते है चमत्कार
शहर में मुस्लिम और ईसाई मतदाताओं पर मुजफ्फर की पकड़ पहले से मजबूत हुई है। जैन और मेहता के बीच गुजराती, मारवाड़ी, उत्तर भारतीय सहित हिंदीभाषी मतदाताओं के बंटवारे के बीच हुसैन भी सेंध लगाने में कामयाब होते दिख रहे हैं। कुल मिलाकर जैन और मेहता में बीच की राजनीतिक लड़ाई के बीच मुजफ्फर हुसैन की छवि चमत्कार करने की स्थिति में है।
‘कमल’ की जीत में रुकावट बन सकता `बल्लेबाज’
शहर में मतदाताओं के आंकड़े की बात करें तो कोई भी एकतरफा आसान जीत नहीं दर्ज कर रहा। पिछली बार की तरह इस बार भी निर्दलीय गीता जैन कमल की जीत में रुकावट बनती दिख रही है। बीजेपी उम्मीदवार मेहता पिछली बार के मुकाबले अपने प्रति जनता में नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन निर्दलीय गीता जैन उनके आगे एक दीवार बनती दिख रही हैं।