मुख्यपृष्ठनए समाचारडिजिटल अरेस्ट के नाम पर वृद्ध महिला से २२ लाख की ठगी!

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर वृद्ध महिला से २२ लाख की ठगी!

प्रेम यादव / भायंदर

मीरा रोड निवासी ७२ वर्षीय महिला गुरुजीत सैनी से `डिजिटल अरेस्ट’ के बहाने २२ लाख ४५ हजार रुपए की ठगी की गई। यह घटना १० दिसंबर २०२४ से २ जनवरी २०२५ तक जारी रही, जिसमें पीड़िता को आरोपियों ने लगातार अपने जाल में फंसा रखा था। अरुण कुमार नामक व्यक्ति ने १० दिसंबर को गुरुजीत सैनी को फोन कर बताया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है, जिसमें बिहार, पंजाब और गुजरात जैसे कई राज्यों में लेन-देन हुआ है। अरुण ने पीड़िता को धमकाया कि उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके बाद अरुण ने उन्हें वीडियो कॉल पर रवि कुमार नामक व्यक्ति से जोड़ा, जो पुलिस की वर्दी में था और पीड़िता को `अरेस्ट’ करने की धमकी देने लगा।
पीड़िता को डराकर, आरोपियों ने उनसे मामले को सुलझाने के बहाने कई बार में कुल २२ लाख ४५ हजार रुपए की उगाही की। यह सिलसिला २३ दिनों तक चला, जिसके दौरान पीड़िता लगातार आरोपियों के संपर्क में रही। आरोपियों ने अलग-अलग किस्तों में पैसे की मांग की और अंतत: जब पीड़िता को ठगी का एहसास हुआ, तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता की शिकायत पर नया नगर पुलिस ने बीएनएस की धारा ३१८ (४), ३५१ (२) और आईटी एक्ट की धारा ६६ (सी और डी) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच कर रहे पीआई अशोक उगले ने बताया कि घटना के सभी तकनीकी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक धोखाधड़ी है, जिसमें स्कैमर्स खुद को ईडी के अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं। वे अरेस्ट की धमकी देकर पीड़ितों को अपने जाल में फंसा लेते हैं और आर्थिक ठगी करते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के कॉल्स से सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने से पहले सत्यापन करें।

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