धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
गणेशोत्सव की आज से शुरुआत हो रही है। हालांकि, उससे पहले ही इस त्योहार की धूम मची हुई है। सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल ने गणेश मूर्तियों को अपने पंडालों में ले जाना शुरू कर दिया है। गणेश आगमन समारोह के दौरान डीजे और ढोलों की आवाज से काफी ध्वनि प्रदूषण पैâल रहा है। इसे लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए उन्होंने अपील की है कि डीजे की आवाज सीमा में ही रखी जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस संदर्भ में चेतावनी दी थी।
ये होती हैं परेशानियां
जेजे अस्पताल में कान, नाक, गला विभाग के प्रमुख डॉ. श्रीनिवास चव्हाण ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसमें उच्च रक्तचाप, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें, चिड़चिड़ापन, नींद की समस्या, हृदय गति में वृद्धि और सुनने की क्षमता में कमी शामिल हैं।
हेडफोन का करोगे इस्तेमाल तो हो जाओगे बहरे!
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि लगातार तेज आवाजें समस्या पैदा कर रही हैं। संगठन ने हेडफोन के इस्तेमाल को लेकर भी चेतावनी दी है। जिसमें कहा गया है कि वर्ष २०५० तक दुनिया में १२ से ३५ साल आयु के १० करोड़ लोग बहरे हो जाएंगे। दूसरी तरफ चिकित्सकों के मुताबिक, हेडफोन का उपयोग करने के बाद कान के बाहरी हिस्से लाल हो जाते हैं और उनमें दर्द होने लगता है। इससे कान की नसों को नुकसान पहुंच सकता है और सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।