उमेश गुप्ता/वाराणसी
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स तथा विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज शनिवार को वाराणसी के भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर हुई महाविशाल बिजली महा पंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी से मांग की गई कि उत्तर प्रदेश की आम जनता के व्यापक हित में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय निरस्त किया जाए। वाराणसी की बिजली महापंचायत में हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारी और आमजनमानस की भारी भीड़ उमड़ी।
संघर्ष समिति उ0प्र0 के प्रदेश संयोजक ई0 शैलेंद्र दुबे ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक ने निगम के प्रांगण में बिजली महापंचायत करने से रोकने के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का मुख्य द्वार बंद करवा दिया और प्रबंध निदेशक ने इस प्रकार अनावश्यक रूप से औद्योगिक अशांति पैदा करने की कोशिश की। संघर्ष समिति ने पूरे संयम और अनुशासन से काम लिया और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य द्वार पर 3 घंटे तक शांतिपूर्वक बिजली महापंचायत की।
बिजली महापंचायत में पारित मुख्य प्रस्ताव में कहा गया है कि बिजली का निजीकरण न ही किसानों और गरीब बिजली उपभोक्ताओं के हक में है और न ही बिजली कर्मचारियों के हित में। प्रस्ताव में कहा गया है कि बिजली के निजीकरण से बिजली की दरों में कम से कम तीन गुना की वृद्धि होगी । मुंबई में निजी क्षेत्र के चलते घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17 से 18 रुपए प्रति यूनिट तक है जबकि उत्तर प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की अधिकतम दरें भी 06.50 रुपए प्रति यूनिट है। इसी प्रकार निजी क्षेत्र में कोलकाता में 12 रुपए प्रति यूनिट और दिल्ली में 10 रुपए प्रति यूनिट बिजली की दरें हैं। उत्तर प्रदेश में ही ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजी कंपनी है जो गरीबों को ट्यूबवेल के लिए मुक्त बिजली नहीं दे रही है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि आगरा और कानपुर को निजी क्षेत्र में देने का एक साथ निर्णय लिया गया था। आगरा टोरेंट कंपनी को दे दिया गया किंतु बिजली कर्मचारियों के विरोध के कारण केस्को सरकारी क्षेत्र में ही बना रहा । आज 15 साल के बाद आगरा में ए टी एंड सी हानियां 9.86% है जबकि केस्को में ए टी एंड सी हानियां 8.6% है।
वाराणसी की बिजली महापंचायत में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की ओर से सुभाष लांबा मुख्य रूप से सम्मिलित हुए और संबोधित किया। ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष जयप्रकाश और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष अजय कुमार तथा शिक्षक नेता रीना त्रिपाठी ने भी सभा को संबोधित किया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से केंद्रीय पदाधिकारियों शैलेंद्र दुबे, जितेंद्र सिंह गुर्जर, आर बी सिंह ,महेंद्र राय, पी के दीक्षित, माया शंकर तिवारी, चन्द्र भूषण उपाध्याय, रमाशंकर पाल ने सम्बोधित किया।