मुख्यपृष्ठनए समाचारयवतमाल-वाशिम में शिवसेना का ही बोलबाला... ‘घाती’ गुट को करारा झटका

यवतमाल-वाशिम में शिवसेना का ही बोलबाला… ‘घाती’ गुट को करारा झटका

सामना संवाददाता / मुंबई

यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का दबदबा दिखाई दे रहा है और मतदाताओं ने ‘घाती’ गुट को करारा झटका दिया है। यह आंकड़ों ने साबित कर दिया है। लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार संजय देशमुख ने महायुति उम्मीदवार राजेश्री पाटील को करीब ९५ हजार वोटों से हराया है। यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र में ६ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी ६ विधानसभाओं में महायुति के यानी भाजपा के चार और शिंदे व अजीत पवार गुट के एक-एक विधायक हैं। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष की जोरदार जीत हुई है। यह विधानसभा के लिए महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार की जीत की शुरुआत है और महायुति के उम्मीदवारों के लिए ‘खतरे की घंटी’ है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले राज्य में प्रमुख दलों में फूट पड़ गई है। इसका परिणाम भी जिले में देखने को मिला। इस फूट के बाद पहला आम चुनाव हुआ। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शिंदे गुट के बीच लड़ाई थी। इसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष को मतदाताओं ने पसंद किया। केवल पुसद निर्वाचन क्षेत्र में मामूली सफलता हासिल हुई। लोकसभा के नतीजों से ये तस्वीर साफ हो गई है।
यवतमाल में महायुति को नकारा
‘घाती’ और अजीत पवार ने जिस तरह से अपनी ही पार्टी को फोड़कर एक तरह से गद्दारी की इसलिए जनता में इनके प्रति कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखी। कई नेता इस पार्टी से उस पार्टी में छलांग लगा रहे हैं… बेशक इसके पीछे मंशा जीत की होती है। हालांकि, इस साल के चुनाव में कुछ आयाराम और गयाराम का क्या हुआ? इनमें से अधिकतर उम्मीदवारों को जनता ने नकार दिया। चुनाव से पहले उन्होंने बड़े पैमाने पर पार्टियां बदलीं, उम्मीदवार उतारे और जमकर प्रचार किया, लेकिन नतीजों ने उनके माथे पर जीत की बजाय हार की धूल डाल दी है। लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार का असली चेहरा मतदाताओं ने उजागर कर दिया है। जिस तरह लोकसभा चुनाव में महायुति को करारी हार का सामना करना पड़ा, उसी तरह छह में से पांच विधानसभाओं में महाविकास आघाड़ी ने भारी जीत हासिल की।

अन्य समाचार