तेरी याद में…।

चल रहा हूँ यार तेरी याद में,
तू मिले या ना मिले पता नहीं!
प्यार का सहारा है बस साथ में,
चल रहा हूँ यार तेरी याद में।

देखा था जबसे तुझको,
तेरे ही ख्वाब देख रहा हूँ
तू मिले या ना मिले पता नहीं!
चल रहा हूँ यार तेरी याद में।

जब कभी तन्हा रहता हूँ,
तू ही मेरे सामने होती है
तेरे लिए मेरे दिल में वह जगह है,
चल रहा हूँ यार तेरी याद में।

दो दिलों का यहाँ मेला,
सदियों का साथ मेरा व तेरा।
तू मुझसे जुदा ना होना,
चल रहा हूँ यार तेरी याद में…॥

हरिहर सिंह चौहान
जबरी बाग़ नसिया,इन्दौर

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