भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि भारत भी एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रहों) की स्टडी करने वाले बड़े वैश्विक मिशनों का हिस्सा बनना चाहता है और भारत इसके लिए योग्य भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अकेले एस्टेरॉयड के खिलाफ ग्रह सुरक्षा प्रणाली विकसित नहीं कर सकता। इसके लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। बंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में छात्रों के लिए ग्रह सुरक्षा पर आयोजित पहली वर्कशॉप में उन्होंने पृथ्वी को संभावित एस्टेरॉयड के प्रभाव से बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि एस्टेरॉयड पृथ्वी के लिए संभावित खतरा तो हैं ही, लेकिन इसके साथ ही वे वैज्ञानिक खोज के लिए मूल्यवान अवसर भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि एस्टेरॉयड का अध्ययन ब्रह्मांड के निर्माण और पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।