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महंगाई का फूटेगा बम … रुपया और होगा पानी कम! …९० रुपए के स्तर तक गिरने की आशंका

-ट्रंप-मोदी की जुगलबंदी का जख्म

सामना संवाददाता / मुंबई
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में विजयी डोनाल्ड ट्रंप की पीएम नरेंद्र मोदी से पुरानी जुगलबंदी है। यह अब जख्म देने वाला है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत में महंगाई का बम फूटनेवाला है। इस कारण कमजोर रुपया और भी ज्यादा पानी कम हो जाएगा। फिलहाल एक डॉलर ८४ के पार हो चुका है और इसके ९० रुपए पार जाने की आशंका जताई जा रही है।
बता दें कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद डॉलर की दादागीरी बढ़ गई है। रुपया रसातल में जा रहा है और डॉलर रोज रिकॉर्ड बना रहा है। रुपया कल मंगलवार को शुरुआती कारोबार में दो पैसे टूटकर अपने ऑल टाइम लो ८४.४० प्रति डॉलर पर आ गया। इससे देश में आयात और महंगा हो गया। डॉलर जितना महंगा होगा, देश में महंगाई भी उतनी बढ़ती जाएगी। इसका कारण है कि भारत इस समय काफी सामान आयात कर रहा है।

एसबीआई ने बजाई महंगाई की घंटी!
रुपए के १०% गिरने की संभावना
फिलहाल ८४ रुपए का है एक डॉलर

देश में महंगाई बढ़ने की घंटी बज चुकी है। यह घंटी एसबीआई ने बजाई है। असल में एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया ८ से १० प्रतिशत तक कमजोर हो सकता है।
बता दें कि विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने के कारण रुपए के ८३.८० और ८४.५० प्रति डॉलर के बीच कारोबार करने के आसार हैं, क्योंकि आरबीआई अपने मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार के दम पर इसमें कोई बड़ी गिरावट को सीमित रखने में सक्षम है। कल अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया ८४.३९ प्रति डॉलर पर खुला। शुरुआती सौदों के बाद अपने सर्वकालिक निचले स्तर ८४.४० प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले दो पैसे की गिरावट दर्शाता है। रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर ८४.३८ पर बंद हुआ था। इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक ०.०९ प्रतिशत की बढ़त के साथ १०५.६३ पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड ०.२५ प्रतिशत की गिरावट के साथ ७१.६५ डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से २,३०६.८८ करोड़ रुपए के शेयर बेचे। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया ८-१० प्रतिशत तक कमजोर हो सकता है। ऐसे में वह आसानी से ९० का आंकड़ा पार कर जाएगा। एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। एसबीआई की इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव २०२४ : ट्रंप २.० भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगा’ है।
चुनौतियां और अवसर दोनों
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में कुछ समय के लिए गिरावट आ सकती है, जिसके बाद स्थानीय मुद्रा मजबूत होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के ४७वें राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप की ऐतिहासिक वापसी ने बाजारों और चुनिंदा एसेट्स क्लास में जान फूंक दी है। हालांकि, भारत के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों हैं। शुल्क में वृद्धि, एच-१बी वीजा प्रतिबंध और मजबूत डॉलर की संभावना से अल्पावधि में अस्थिरता आ सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऐसे में भारत के लिए अपने विनिर्माण का विस्तार करने, निर्यात बाजारों में विविधता लाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ाने के अवसर भी हैं।

 

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