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मोदी राज में महंगाई ने निकाला आम लोगों का तेल! … ६ महीने में २० फीसदी तक बढ़ी खाद्य तेल, चाय, साबुन की कीमतें

– अगली तिमाही में ३० फीसदी तक और बढ़ोतरी की आशंका

अरुण कुमार गुप्ता / मुंबई
देशभर में महंगाई दिन-ब-दिन सुरसा के मुंह जैसी बढ़ती जा रही है। इससे आम लोगों का बजट गड़बड़ता जा रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण गृहणियों के लिए रोजमर्रा के खर्चे चलाना मुश्किल हो रहा है। बीते ६ महीने में दैनिक उपभोग की वस्तुओं में २० प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही यानी जनवरी से मार्च तक कीमत ३० फीसदी तक बढ़ने की आशंका है। आम लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि खाद्य तेल, साबुन, चाय, कॉफी, चॉकलेट और बिस्कुट जैसे उपभोक्ता सामानों की कीमतें ६ महीने में २० प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। इन उत्पादों की मांग सबसे अधिक रहती है और इनका उपयोग आम जनता दैनिक आधार पर करती है। जनवरी-मार्च में इनकी कीमतें ३० फीसदी तक बढ़ने की संभावना है।
अप्रैल २०२४ से पाम तेल, नारियल, चाय, कोको और कॉफी जैसे कच्चे माल की कीमतों में ३५-१७५ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ऐसे में आम लोग पूछ रहे हैं कि बढ़ती महंगाई में कैसे गुजारा किया जाए। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ एफएमसीजी कंपनियां जनवरी-मार्च में फिर से कीमतें बढ़ा सकती हैं।
कहा जाता है कि साबुन, नाश्ते के लिए जरूरी सामान और चाय जैसी उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों को मांग के अनुरूप कीमतें बढ़ाने की जरूरत है। पाम तेल, चाय जैसी वस्तुओं की कीमतें हर साल लगभग ३० प्रतिशत बढ़ रही हैं। हालांकि इनकी कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि उत्पादन लागत बढ़ने के कारण कंपनियों को कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी। यदि कीमत एक निश्चित सीमा से अधिक बढ़ जाती है, तो शहरी मांग कम हो जाएगी। ऐसे में इन कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती है। इसलिए, कीमतें बढ़ने पर भी मांग घटने की संभावना है, इसलिए कंपनियां इन्हें सीमा के भीतर रखने के बारे में सोच रही हैं।
इसलिए, आने वाली तिमाही में कुछ वस्तुओं की कीमत में ५ प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
चाय की कीमत भी बढ़ती जा रही है। चाय की थोक कीमतों में ३३ फीसदी का इजाफा हुआ है। अक्टूबर से मार्च २०२५ के बीच टाटा कंपनी की चाय की कीमतें २५-३० फीसदी तक बढ़ जाएंगी। इसमें से आधे से ज्यादा बढ़ोतरी अक्टूबर-दिसंबर में ही हुई है। पिछले कुछ महीनों में चाय की कीमतों में करीब ३३ फीसदी का इजाफा हुआ है।

खाद्य तेल की कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ीं
महंगाई बढ़ने की सबसे ज्यादा मार खाने के तेल पर पड़ी है। जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के आंकड़ों के मुताबिक, सफोला ब्रांड खाद्य तेल की कीमतें सितंबर तक छह महीनों में देश में सबसे ज्यादा २० फीसदी बढ़ी हैं। मैरिको ने इस दौरान पैराशूट कोकोनट ऑयल की कीमत में १० फीसदी की बढ़ोतरी की है। नोमुरा का अनुमान है कि कंपनी ने अक्टूबर और दिसंबर के बीच उत्पाद की कीमतों में औसतन ७.३ प्रतिशत की वृद्धि की है।

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