सामना संवाददाता / नई दिल्ली
संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सदन की कार्यवाही में लगातार आई रुकावटों पर गहरी निराशा जताई। थरूर ने कहा कि संसद अपनी जिम्मेदारियां निभाने में नाकाम रही और देश की जनता को निराश किया। शीतकालीन सत्र २५ नवंबर को शुरू हुआ और २० दिसंबर को खत्म हुआ। इस दौरान बेरोजगारी, महंगाई, मणिपुर हिंसा, संभल हिंसा जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन सबकुछ हंगामे की भेंट चढ़ गया। थरूर को उम्मीद है कि मोदी सरकार विपक्ष से बातचीत करके कोई हल निकालेगी।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मैं बहुत निराश हूं। हमारे ज्यादातर सांसद निराश हैं। शशि थरूर के मुताबिक, देश के सामने कई गंभीर मुद्दे हैं जिन पर संसद में बहस होनी चाहिए थी, लेकिन ज्यादातर समय हंगामे में बर्बाद हो गया। थरूर ने कहा कि संसद देश के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभा पाई है, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।