सामना संवाददाता /मुंबई
राज्य में इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक के ११ महीनों में इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण ६८ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इस दौरान २,३३५ लोगों को संक्रमण हुआ है। वर्तमान में ११ मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि अगर इसके लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक सावधानियां बरतें। इन्फ्लूएंजा एक वायरस जनित बीमारी है, जिसके एच१एन१, एच२एन२ और एच३एन२ जैसे उपप्रकार हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया शामिल हैं। यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत जांच करानी चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की नम और ह्यूमिड परिस्थितियां स्वाइन फ्लू या इन्फ्लूएंजा के पैâलने के लिए एकदम सही माहौल पैदा करती हैं, क्योंकि इस बार बारिश काफी ज्यादा हुई है तो फ्लू पैâलने के आसार भी ज्यादा हैं। इससे सभी उम्र के लोग प्रभावित होते हैं। उनमें से कुछ मरीजों की स्थिति गंभीर भी हो सकती है। जिन मरीजों के केस फ्लू के कारण बिगड़ जाते हैं, उन्हें अस्पताल में एडमिट भी करना पड़ता है। कुछ मामलों में ऑक्सीजन देने की भी जरूरत पड़ती है। मामलों में बढ़ोतरी का कारण मौसमी बदलाव, इनडोर समारोहों में वृद्धि और संभावित नए वायरस स्ट्रेन को भी माना जा सकता है। स्वाइन फ्लू, इन्फ्लूएंजा का ही एक प्रकार है, लेकिन स्वाइन फ्लू का वायरस इन्फ्लूएंजा के वायरस से अलग होता है। स्वाइन फ्लू, एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस होता है, जो मूल रूप से सूअरों को संक्रमित करता है। स्वाइन फ्लू को स्वाइन इन्फ्लूएंजा या महामारी इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है। स्वाइन फ्लू वायरस, सूअरों के श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है और बाद में यह वायरस मनुष्यों में भी पैâल जाता है।