मुख्यपृष्ठसमाचारइनसाइड स्टोरी : भोंदू बाबाओं का ठगी का नया तराना

इनसाइड स्टोरी : भोंदू बाबाओं का ठगी का नया तराना

-मैं बारिश कर दूं पैसों की…

-तांत्रिकों के जाल से महाराष्ट्र को कब मिलेगी मुक्ति?

एसपी यादव

पैसे की बारिश करवाने का लालच दिखाकर लड़कियों का यौन शोषण करनेवाली सात लोगों की टोली को ठाणे अपराध शाखा की यूनिट-१ ने गिरफ्तार किया है। इस टोली में भोंदू तांत्रिक के साथ-साथ एक महिला सहायक का भी समावेश है, जो गरीब लड़कियों को तांत्रिक के जाल में फांसने में मदद करती थी। ठाणे के राबोड़ी में एक नाबालिग लड़की के शोषण के मामले में इस टोली को पकड़ा गया है।

क्या है मामला?
ठाणे के राबोडी पुलिस थाने में एक १५ साल की लड़की के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई गई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दिलीप पाटील, पुलिस निरीक्षक कृष्णा कोकणी और सहायक पुलिस निरीक्षक विकास सूर्यवंशी के साथ जब यूनिट-१ की टीम ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू की तो १७ फरवरी को उन्होंने असलम खान (५४) और सलीम शेख (४५) को गिरफ्तार किया।

एक के बाद एक गिरफ्तारी
खान और शेख से पूछताछ के बाद पुलिस ने एंटॉपहिल की झोपड़पट्टी से २७ फरवरी को तांत्रिक साहेबलाल वजीर शेख उर्फ यूसुफ बाबा (६१) को गिरफ्तार किया। इन तीनों से पूछताछ के बाद राबोडी से तौसीफ शेख (३०), शबाना शेख (४५), शब्बीर शेख (५३) और लालबाग से हितेंद्र शेट्टे को गिरफ्तार किया गया। जिसमें कोई लड़की निर्वस्त्र बैठी दिखाई देती, जिसके पास पैसों का ढेर लगा होता था। एक बार जब कोई लड़की इनके चंगुल में फंस जाती थी, तो ये ठग उसे एक खोली में बंद कर देते थे। इस दौरान वे आपस में कोडवर्ड में बात करते थे। तांत्रिक को ‘डॉक्टर’ कहते तो लड़की के लिए ‘रस्सी’ शब्द का इस्तेमाल करते थे।

भोंदू बाबा पर हाई कोर्ट सख्त
मुंबई के उच्च न्यायालय ने बीते शनिवार को ही कहा कि मौजूदा समय का यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए तांत्रिकों और भोंदू बाबाओं के दरवाजे पर जाते हैं। उच्च न्यायालय उस मामले की सुनवाई कर रहा था, जहां छह मंदबुद्धि बच्चियों को सामान्य बना देने का दावा कर एक तांत्रिक ने न केवल उन बच्चियों के अभिभावकों से एक करोड़ ३० लाख रुपए वसूल लिए, बल्कि उन बच्चियों के साथ बलात्कार भी किया। ४५ साल के दुराचारी तांत्रिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

पैसों की बारिश करानेवाले ठग सक्रिय
मुंबई के स्लम बहुल इलाकों में मसलन धारावी, एंटॉपहिल, मानखुर्द, चेंबूर, कुर्ला, मालाड, नालासोपारा, कल्याण, उल्हासनगर जैसे क्षेत्रों में ऐसे ठगों का गिरोह सक्रिय है, जो पैसे की बारिश कराने का झांसा देकर लोगों को ठग रहा है। कभी इंदिरा गांधी की तस्वीरवाले पांच रुपए के सिक्के, कभी किसी पुराने नोट से, तो कभी मिट्टी में दबी किसी वस्तु से पैसा बरसाने का झांसा देते रहते हैं। अपनी ठगी को अंजाम देने के लिए ये ठग महाराष्ट्र के बॉर्डरवाले इलाके को प्राथमिकता देते हैं, ताकि कानून की चपेट में न आएं।

तांत्रिकों के जाल में क्यों फंस जाते हैं लोग?
सवाल उठता है कि लोग इस बात पर कैसे यकीन कर लेते हैं कि पैसे की बारिश हो सकती है? दरअसल, इसके पीछे समाज में भयंकर रूप से व्याप्त आर्थिक विषमता जिम्मेदार है। भले ही सरकारें ढोल पीट रहीं हो कि जल्द ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन विश्व बैंक के अनुसार प्रति व्यक्ति आय के मामले में दुनिया के १९७ देशों में भारत १४२ वें स्थान पर है। उच्च आय वाला देश उसे माना जाता है जहां प्रति व्यक्ति आय १२ हजार डॉलर से अधिक हो। लेकिन भारत में प्रति व्यक्ति आय अभी भी केवल २,१०० डॉलर है। चंद पूंजीपतियों के पास देश की आधी से ज्यादा संपत्ति होने पर यह नहीं कहा जा सकता कि भारत में लोगों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। ऐसा ही होता तो लॉटरी, पैसे की बारिश, पैसा डबल करने की पोंजी स्कीमों में फंसकर लोग पूरी तरह बर्बाद नहीं हो रहे होते।

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