सामना संवाददाता / मुंबई
बरसात में दक्षिण मुंबई के हिंदमाता इलाका जलमग्न होने पर इसके जल निकासी के लिए मनपा का वर्षा जल निकासी विभाग की निविदा प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं, जिसके कारण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर तत्काल संज्ञान में लेते हुए मनपा आयुक्त भूषण गगरानी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिसके चलते ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक मुंबई मनपा हर साल हिंदमाता और मडकेबुवा चौक इलाकों में बारिश के पानी के ठहराव की समस्या को हल करने के लिए पंप लगाने की प्रक्रिया को लागू करता है। इसके लिए मनपा के जल निकास विभाग के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं, जो इस वर्ष भी निविदाएं आमंत्रित की गईं। हालांकि आरोप है कि इसमें ऐसी शर्तें लगाई गईं, जिससे मानक निविदा दस्तावेज (एसबीडी) का उल्लंघन करते हुए कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुंचे।
निविदा शर्तों में केवल वित्तीय मानदंडों पर आधारित योग्यता के अतिरिक्त विशिष्ट पंप क्षमता मानदंड भी शामिल थे, जिसके तहत केवल कुछ ठेकेदारों को ही अवसर प्राप्त होता था। साथ ही यह भी शर्त रखी गई कि इस निविदा में भाग लेने के लिए संबंधित कंपनी के पास कम से कम 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए, इसलिए पिछले वर्ष यही काम संतोषजनक ढंग से करने वाली कंपनी को भी इस बार प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा। परिणामस्वरूप यह आरोप लगाया गया है कि इससे केवल कुछ ही कंपनियों को सीधे लाभ होगा।
सूत्रों के मुताबिक मनपा के अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर वित्तीय अनियमितताएं कीं। इस पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री ने तुरंत मनपा आयुक्त को जांच का आदेश दिया है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने मनपा में विभिन्न निविदाओं में हस्तक्षेप कर कुछ ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
मनपा सूत्रों के मुताबिक टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मांग की जा रही है कि टेंडर को तत्काल रद्द कर नया टेंडर आमंत्रित किया जाए। साथ ही इस मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने की भी सिफारिश की गई है। अब पूरे मुंबई की नजर इस बात पर है कि मनपा आयुक्त और संबंधित विभाग इस संबंध में क्या कदम उठाते हैं।