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पुनर्परीक्षा नहीं, घोटाले की करो जांच : सीईटी का मामला हल होने तक दाखिलों को करो स्थगित! … आदित्य ठाकरे की मांग

५४ खामियां होने के बाद भी क्यों नहीं हटाए गए आयुक्त?
२४ बैचों में आयोजित की गई थी परीक्षा
छात्रों की उत्तर पुस्तिका, अंक करो घोषित

सामना संवाददाता / मुंबई
इंजीनियरिंग, मेडिकल और फॉर्मेसी पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए आयोजित होनेवाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी) में घोटाले के कारण छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। इस पूरे घोटाले की गहन जांच पूरी होने और इसे लेकर शुरू हंगामे के खत्म होने तक दाखिले को स्थगित किया जाए। इस तरह की मांग शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कल की। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि परीक्षा में ५४ खामियां होते हुए भी आयुक्त को क्यों नहीं हटाया गया? क्या पैसा कमाने के लिए सीईटी परीक्षा आयोजित की गई? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा की उत्तर पुस्तिका और अंकों को घोषित किया जाए।
आदित्य ठाकरे ने कल ‘मातोश्री’ निवास स्थान पर इस संदर्भ में पत्रकार परिषद लेकर मीडिया से संवाद साधा। उन्होंने कहा कि सीईटी परीक्षा २४ बैचों में आयोजित की गर्इं। पेपर एक ही था, लेकिन सवाल अलग थे। पेपर में छात्रों ने कुल १,४२५ ऑब्जेक्शन दर्ज किया। इसे दर्ज करने के लिए प्रति छात्र एक हजार २५ रुपए लिए गए। सीईटी सेल ने इससे कितने पैसे कमाए। अब इस परीक्षा में कुल ५४ खामियां सामने आई हैं। फिर सीईटी सेल के आयुक्त को अब तक क्यों नहीं हटाया गया। इस तरह का सवाल भी आदित्य ठाकरे ने किया। उन्होंने यह भी कहा कि पेपर ‘सेट’ करनेवालों की ही पहले परीक्षा लेनी चाहिए।
छात्रों के पैसे वापस करो
पुनर्परीक्षा करने का विचार सीईटी सेल कर रहा है। इस पर आदित्य ठाकरे ने मांग की है कि पुनर्परीक्षा न करें। ऑब्जेक्शन दर्ज करने के लिए वसूले गए पैसों को वापस करिए। उन्होंने कहा कि पर्सेंटाइल के तरीके को बंद करके अंकों के आधार पर मेरिट घोषित करिए। राज्य सरकार के कर्मचारियों की भर्ती पर भी आदित्य ठाकरे ने हमला किया। उन्होंने पुलिस भर्ती पर तंज कसते हुए कहा कि बारिश में यह भर्ती किस तरह कर रहे हैं।
सीईटी सेल ने पेपर में ५४ गलतियां की हैं। उत्तर पुस्तिका भी तीन दिनों में गायब हो गई थीं। अब अंक भी नहीं आ रहा है। सीईटी सेल ने लीपापोती करते हुए कहा कि पर्सेंटाइल आते हैं। कुछ पेपर कठिन तो कुछ सरल थे। सीईटी सेल छात्रों की उत्तर पुस्तिका क्यों नहीं दे रहा है? छात्रों के अंक एक जैसे और पर्सेंटाइल अलग-अलग हैं। प्रत्येक बैच में यह भी पता नहीं चल रहा है कि आखिरकार टॉपर कौन है।
-आदित्य ठाकरे
-शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख

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