फिरोज खान
दक्षिण दिल्ली के वेब सराय स्थित देवली इलाके में एक शख्स पर हैवानियत क्या सवार हुई, उसने अपने माता-पिता सहित अपनी बहन को मौत के घाट उतार दिया। ४ दिसंबर को बड़ी ही बेरहमी से किए गए इस कत्ल की वारदात से दिल्ली दहल उठी।
आरोपी अर्जुन को उसके माता-पिता अकसर पढ़ाई के लिए डांटते थे, लेकिन अर्जुन का मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लगता था और वो बॉक्सिंग में अपना करियर बनाना चाहता था। माता-पिता के डांटने पर पर बहन उसका मजाक उड़ाती तो वह जल-भुन जाता। माता-पिता के डांटने और बहन के मजाक उड़ाने से गुस्से की आग में झुलस रहे आरोपी ने एक दिन तीनों की हत्या करने का मन बना लिया। प्रोफेश् ानल हत्यारा न होने के कारण उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो उनका कत्ल वैâसे करे? इसके लिए उसने गूगल पर हत्या करने के तरीकों को सर्च करना शुरू किया। अंतत: उसे तरीका मिल गया और ४ दिसंबर को हत्या करने का दिन भी निर्धारित कर लिया। ४ दिसंबर को तेज धार वाला एक छुरा अपनी पीठ के पीछे छुपाकर आरोपी सुबह-सुबह अपनी बहन के घर पहुंचा। उसकी बहन उसी इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर रहती थी, जहां आरोपी का परिवार रहता था। सुबह-सुबह भाई को घर आया देख बहन ने हैरान होते हुए उसके आने की वजह पूछी। आरोपी ने कहा कि आज मम्मी-पापा की वैवाहिक वर्षगांठ है इसलिए मैं यह चर्चा करने आया हूं कि इस मौके पर शानदार प्रोग्राम वैâसे किया जाए। खैर, भाई की बात सुनकर नींद में होने के कारण बहन मुस्कुराते हुए बेडरूम में चली गई। बेडरूम में बहन को नींद के आगोश में देख आरोपी ने छुपाया हुआ छुरा निकाला और उसके गले की नस काट दी। कत्ल के समय आरोपी ने बहन का मुंह कपड़े से दबा रखा था। गले की नस काटने के फौरन बाद उसने दूसरे हाथ से एक और कपड़ा गले पर दबा दिया, ताकि खून ज्यादा न बहे। बिस्तर पर तड़पती बहन ने आखिरकार दम तोड़ दिया। बहन के दम तोड़ते ही आरोपी अब ऊपरी मंजिल स्थित अपने फ्लैट में दबे पांव पहुंचा। पिता बेडरूम में बेखबर सो रहे थे और मां बाथरूम में नहा रही थी। मौका मिलते ही आरोपी ने बड़ी बेरहमी से ठीक उसी अंदाज में पिता के गले की नस काट दी जैसे उसने बहन के गले की नस काटी थी। पिता का शरीर ठंडा पड़ने के बाद जैसे ही उसकी मां बाथरूम से बाहर निकली आरोपी ने मां के गले की नस पर छुरा चला दिया। तड़पती हुई मां की भी कुछ ही समय में मौत हो गई। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी ने सारे सबूतों को मिटाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें के बावजूद अंतत: आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
मनोचिकित्सक डॉक्टर का कहना है कि माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की रुचि को समझने की कोशिश करें। उन्हें यह पता लगाना चाहिए कि उनका बच्चा किस फील्ड में अपना भविष्य बनाना चाहता है, ना कि अपनी ख्वाहिशों और मर्जी को उस पर लादना चाहिए। डॉक्टर के मुताबिक, कुछ बच्चे अति संवेदनशील होते हैं और ऐसी स्थिति में वो अकसर या तो खुदकुशी कर लेते हैं या फिर खूंखार बन जाते हैं।