फिरोज खान
सास और बहू के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा था। अपने ऊपर हो रहे अत्याचार से बहू काफी परेशान थी। पति लातूर में काम करता था इसलिए बहू सास के साथ रहने के लिए मजबूर थी, लेकिन अंदर ही अंदर उसके मन में सास के प्रति काफी गुस्सा भरा हुआ था। २ मार्च के दिन एक बार फिर दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया और बात हाथापाई तक पहुंच गई। गुस्साई बहू ने सास के सिर पर डंडे से जोरदार हमला कर दिया। सिर पर चोट लगने से सास बेहोश होकर गिर पड़ी। पहले तो बहू ने सोचा कि सास थोड़ी देर में होश में आ जाएगी, लेकिन जब काफी समय बाद भी वो होश में नहीं आई तो उसने सास के शरीर को हिलाना चाहा, परंतु सास का शरीर ठंडा पड़ चुका था। सास के सिर के पिछले हिस्से में गहरे घाव को देख घबराई बहू के पसीने छूटने लगे। सास की लाश देखकर वह कांपने लगी। अब उसने किसी तरह हिम्मत जुटाकर सोचा कि अगर वो लाश को ठिकाने लगा दे तो किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। अब उसने घर में रखे एक बोरे में सास की लाश को डालने की बहुतेरा कोशिश की, लेकिन वो इसमें नाकाम रही। इसके बाद उसने सोचा कि वो लाश के टुकड़े कर उन्हें बोरे में भर देगी। लेकिन जब उसकी हिम्मत लाश को काटने की नहीं हुई, तब उसने किसी तरह लाश को बोरे में भरने के बाद योजना बनाई कि वो बोरे को पास की झाड़ियों में फेंक देगी। अब उसने उस बोरी को उठाना चाहा, लेकिन वजनी होने के कारण बोरी उससे उठ नहीं पाई। इसके बाद उसने बोरी को घसीटते हुए किसी तरह घर से बाहर निकाला। इसी बीच पड़ोसी महिला की नजर बोरी को खींचती हुई बहू पर पड़ गई। बोरी को इस तरह खींचता हुआ देख उसे कुछ शक हुआ। उसने सोचा कि वो महिला से पूछे कि वो बोरी क्यों घसीट रही है? इसी बीच उसे बोरी पर लगा खून नजर आ गया और उसका शक गहराते ही उसने पुलिस को इस बात की सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बोरे की तलाशी ली तो उसमें वृद्ध महिला की लाश निकली। अपना गुनाह कबूलते हुए जब महिला ने सारी कहानी पुलिस को बयां की तो पुलिस ने उसे तुरंग गिरफ्तार कर लिया।