मुख्यपृष्ठस्तंभतहकीकात : किलर हसीना का चलता था सिक्का!

तहकीकात : किलर हसीना का चलता था सिक्का!

फिरोज खान

बहुरुपिया बनकर औरतों की सिलसिलेवार तरीके से हत्या करनेवाला चार्ल्स शोभराज को हसीनाओं का सीरियल किलर भी कहा जाता था। तिहाड़ जेल में शोभराज का दबदबा किसी जेलर से कम नहीं था। हाल यह था कि चार्ल्स शोभराज को जेल का स्टाफ ‘चार्ल्स’ साहब कहकर पुकारता था। यानी जेल में उसका सिक्का चलता था। जेल के प्रवक्ता और कानूनी सलाहकार रह चुके सुनील कुमार गुप्ता बताते हैं कि ८ मई, १९८१ को अपना एएसपी का नियुक्ति पत्र लिए वो जेल अधीक्षक के पास पहुंचे थे। तिहाड़ की नौकरी मिलते ही उन्होंने रेलवे की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। सुनील गुप्ता याद करते हुए कहते हैं, ‘जेल अधीक्षक वी.एल. विज ने मुझ पर एक नजर डाली और कहा, ‘यहां एएसपी की कोई नौकरी नहीं है।’ यह सुनकर मैं दंग रह गया। मैंने उन्हें बताने की कोशिश की कि मेरे हाथ में नियुक्ति पत्र है, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। मैं बाहर चला गया। सुनील गुप्ता बताते हैं, इसी बीच उनकी नजर कोट और टाई पहने एक शख्स पर पड़ी। उसका व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था कि उसे देखते ही वे उठकर खड़े हो गए। उसने मुझसे अंग्रेजी में वहां आने का मकसद पूछा। मैंने उसे सारी बात बताई। ‘चिंता मत करो’, कहकर वह व्यक्ति वहां से चला गया। एक घंटे बाद वो एक पत्र लेकर बाहर आया, जिसमें लिखा था- तुम्हारी तिहाड़ जेल में बतौर एएसपी नियुक्ति कर दी गई है। मैं जानना चाहता था कि वह प्रभावशाली व्यक्ति कौन है तो पता चला कि वो चार्ल्स शोभराज है। यह भी मालूम हुआ कि चार्ल्स शोभराज जेल का सुपर आईजी है। यहां सब उसी की मर्जी से चलता है। वो जेल में जहां चाहता वहां जा सकता था। वो जेल अधीक्षक और उनके मातहतों को अपने बराबर समझता था। उसके पास एक टेप रिकॉर्डर था, जिसमें वह जेल अफसरों की घूस मांगने की बातें टेप कर रखता था। चार्ल्स शोभराज १० गुणा १२ फीट के सेल में अकेले रहता था। उसको जेल में सी क्लास के वैâदी नौकर के तौर पर मिले हुए थे, जो उसकी मालिश करते, उसके कपड़े धोते और उसका खाना तक बनाते थे।

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