फिरोज खान
पांच साल की नादान बच्ची अपने घर के आंगन में अकेले ही खेल रही थी और उसकी मां कपड़ों को धुलने के लिए घाट पर गई थी। इस बीच साधु के भेष में पहुंचे व्यक्ति ने बच्ची को दरवाजे के पास बुलाया। उसे लगा कि बाबा उसे आशीर्वाद देने के लिए बुला रहे हैं, इसलिए वो उनके पास पहुंच गई। यही उस बच्ची की भूल थी। बच्ची के पास आते ही साधु का भेष धरकर आए व्यक्ति ने बच्ची का मुंह दबा दिया और उसका अपहरण कर अपने घर ले गया। घबराई लड़की ने जब उसका असली रूप देखा तो वह थर-थर कांपने लगी। लाल सुर्ख आंखों वाले उसके हाथ में कुल्हाड़ी देख बच्ची की चीख निकलती उसके पहले ही उसने बड़ी ही तेजी से बच्ची के गले पर कुल्हाड़ी से वार किया और कुछ देर तड़पने के बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया। लड़की के मरते ही व्यक्ति ने उसके खून के छींटों को घर में बने मंदिर में छिड़क दिया। दूसरे दिन हत्यारा व्यक्ति दोबारा एक और बच्चे की तलाश में निकल पड़ा, लेकिन इस बार वो पकड़ लिया गया। ग्रामीण जब हत्यारे के घर पहुंचे तो वहां एक बच्ची की लाश देखकर वो दंग रह गए। घर में बच्ची की लाश पड़ी थी और घर में बने मंदिर में खून के छींटे पड़े हुए थे। गांव वालों को यह समझते देर नहीं लगी कि तंत्र-मंत्र के लिए उसने बच्ची की हत्या कर दी है और बच्ची के खून को मंदिर की चारों ओर छिड़क दिया है। इस बात की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली, पुलिस ने तुरंत व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।