भरतकुमार सोलंकी
व्यक्ति को अपनी कुशलता का सही दिशा में उपयोग करना, स्वयं को विकसित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। जब व्यक्ति अपनी विशेष क्षमता पर काम करता है, तो उसे संतुष्टि और सफलता का अहसास होता है। इसके अलावा, इससे कार्य करने में आनंद आता है और उसका प्रदर्शन अत्यंत प्रभावशाली होता है। यह न केवल व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज-सोसायटी मेंं भी योगदान की भूमिका निभाता है। इसलिए, कुशलता को पहचानना और उसमें कार्य करना व्यक्ति के लिए सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने का एक महत्वपूर्ण कदम होता है।
शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है, जहां कई प्रकार के नियम, कंप्यूटर, इंटरनेट और ब्रोकर के माध्यम से ये मूलभूत ढांचा है, जो असल एक बहुत ही सुविधाजनक सब्जी मंडी से ज्यादा कुछ भी नहीं है. बाजार को दो वर्गों में बांटा जाता है, पहला ट्रेडिंग मार्वेâट और दूसरा इन्वेस्टमेंट मार्केट। साधारण व्यक्ति के लिए म्यूचुअल फंड द्वारा शेयर मार्केट में पैसा लगाना ही सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाता है।
शेयर बाजार किसी भी विकसित देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। शेयर बाजार के माध्यम से हर आम आदमी ब़ड़े से बड़े उद्योगों में होनेवाले मुनाफे में बराबर का हिस्सेदार बन सकता है। रिलायंस, टाटा, बिरला या इंफोसिस जैसी भारी मुनाफा कमाने वाली अनेक कंपनियोंं के शेयर खरीदकर इस मुनाफे में भागीदार बन सकता है। ऐसा करने के लिए जो व्यवस्था चाहिए वो शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड सुविधाएं प्रदान करता है। एक सामान्य नागरिक को इन बड़ी कंपनियों में भागीदार बनने का बराबर मौका शेयर बाजार ही देता है।
आपके पास रोज ऐसे फोन कॉल्स आते होंगे, जिसमें कोई आपको ऐसी योजनाओं में पैसा लगाने की सलाह देता है, जहां आनेवाले समय में आपको अच्छा फायदा हो सकता है। वहीं स्टॉक मार्केट में कमाई और नुकसान की बहस का कई बार आप भी हिस्सा बन चुके होंगे। इन सभी मौके पर आप एक शब्द से बार-बार गुजरते होंगे वो है निवेश या इन्वेस्टमेंट। लोगों की जिंदगी में इतना आम होने के बाद भी इस जादुई शब्द की वास्तविक समझ बहुत कम लोगों के पास ही होती है। आसान शब्दों में निवेश वो तरीका होता है, जिसम आप अपनी रकम पर सही समय पर किए गए पैâसले के आधार पर बिना श्रम के अतिरिक्त पैसा पाने के हकदार बनते हैं। महामारी, आर्थिक मंदी, महंगाई में तेज उछाल, बढ़ती उम्र जैसे कई ऐसे फैक्टर हैं, जिसकी वजह से आय को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। आनेवाले समय में बढ़ते खर्च को पूरा करने के लिए आय के ऐसे स्रोत की आवश्यकता होती है, जो अपने बल पर आपको आर्थिक रूप से मजबूत बना सकें। सबसे बड़ी बात, ये उस समय भी काम करते रहते हैं जब आप अपना काम छोड़ने की स्थिति में आ जाते हैं, जैसे रिटायरमेंट आदि।
निवेश अतिरिक्त आय की उम्मीद में किया जाता है लेकिन वास्तविकता में आपको नुकसान भी हो सकता है, जिसे बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए। गलत पैâसलें आपकी पूरी पूंजी भी डुबा सकते हैं। इसलिए इस बाजार में भी कुशल फाइनेंशियल एडवाइजर की सख्त जरूरत रहती है, जो निवेशकों को वो सभी जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराता है, जिससे वो निवेश से जुड़ा सही फैसला ले सकें और अपनी कमाई को समय के साथ और आगे बढ़ता हुआ देख सकें।
(लेखक आर्थिक निवेश मामलों के विशेषज्ञ हैं)