– शिंदे ने शाह से की शिकायत
-फंड वितरण में भेदभाव का आरोप
रामदिनेश यादव / मुंबई
महायुति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसी चर्चा राजनीतिक गलियारों में लगातार होती रहती है। विपक्ष की ओर से भी बार-बार यह कहा जाता है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हैं, लेकिन अमित शाह के सामने जब एकनाथ शिंदे ने शिकायत की तब साफ हो गया कि वाकई में महायुति में सब कुछ ठीक नहीं है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे की ओर राजनीतिक हलकों का विशेष ध्यान गया था। इस दौरे के दौरान पुणे में एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से मुलाकात कर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। खबर है कि उन्होंने शिंदे गुट के विधायकों के साथ फंड वितरण में भेदभाव होने की शिकायत भी की। इस प्रकार महायुति के भीतर का यह शीतयुद्ध अब सीधे दिल्ली दरबार तक पहुंच गया है। सूत्रों की मानें तो महायुति में शामिल अजीत पवार की राष्ट्रवादी पार्टी और शिंदे गुट के बीच रायगढ़ के पालकमंत्री पद को लेकर विवाद चल रहा है। दूसरी ओर परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने यह कहते हुए नाराजगी जताई है कि एसटी महामंडल को वित्त विभाग से फंड नहीं मिल रहा है और जानबूझकर फाइलें रोककर रखी जा रही हैं। पुणे में अमित शाह और एकनाथ शिंदे के बीच जो बैठक हुई, उसमें फंड के बंटवारे को लेकर गंभीर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने बैठक में यह चिंता व्यक्त की कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के अधीन वित्त विभाग शिंदे गुट के मंत्रियों और विधायकों की फाइलें रोके रखता है, जिससे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब हम महायुति का हिस्सा हैं, तो फंड वितरण और फाइल क्लियरेंस में समानता होनी चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा था कि एसटी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि वित्त विभाग ने पर्याप्त निधि नहीं दी। इस कारण एकनाथ शिंदे को खुद वित्त सचिव को फोन कर मध्यस्थता करनी पड़ी थी। इन घटनाओं से महायुति में राष्ट्रवादी और शिंदे गुट के बीच तनाव और अंदरूनी खींचतान उजागर हो गई थी।