सामना संवाददाता / मुंबई
क्या गुजराती जानने वालों को ही नौकरी देना सरकार की नीति है? इस तरह का सवाल राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने महायुति सरकार से पूछा है। इसके साथ ही रोहित पवार ने धारावी नौकरी मेले के संदर्भ में गुजराती भाषा में लगाए गए होर्डिंग्स की तस्वीर सोशल मिडिया एक्स पर पोस्ट कर साझा किया है।
रोहित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में रहकर मराठी भाषा का विरोध करना और दूसरी भाषा पर जोर देना यह खाए हुए नमक को न पहचानने जैसा है। भाजपा नेताओं द्वारा बार-बार मराठी भाषा की गला घोंटने की कोशिश की जा रही है। इसी के साथ अब भैय्याजी जोशी का गुजराती प्रेम उजागर हो गया है। हम इसका खुलकर विरोध करते हैं। अगर महाराष्ट्र सरकार खुद गुजराती भाषा में किसी कार्यक्रम का प्रचार कर रही है तो इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात क्या हो सकती है? सरकार मराठी भाषा के प्रति उदासीन है। यह साबित हो रहा है। यह कहते हुए रोहित पवार ने महायुति सरकार पर हमला बोला है।