मुख्यपृष्ठसमाचारमनपा आधिकारियों पर बनाया जा रहा है दवाब ?

मनपा आधिकारियों पर बनाया जा रहा है दवाब ?

सामना संवाददाता / मुंबई

मनपा के वर्षा जल निकासी विभाग की निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे, लेकिन अब नई जानकारी सामने आ रही है कि मनपा आयुक्त भूषण गगरानी और अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर पर मूल टेंडर रद्द किए बिना उसी कंपनी का चयन करने के लिए राजनैतिक दबाव डाला जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार सत्ता में शामिल एक खेमा ने संबंधित अधिकारियों को एक विशिष्ट कंपनी को काम देने का आदेश दिया है और उनसे टेंडर की पुनः प्रक्रिया से बचने को कहा है। साथ ही वहीं अधिकारियों को मुख्यमंत्री फडणवीस को सकारात्मक रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश दिए गए हैं।

पूरे मामले में सबसे चौंकानेवाली बात यह है कि टेंडर की शर्तें इस तरह से बनाई गई हैं कि जो कंपनी पिछले चार साल से एक ही स्थान पर एक ही काम सफलतापूर्वक पूरा कर रही है, उसे अब इस टेंडर से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। यह आरोप जोर पकड़ रहे हैं कि पूरी निविदा प्रक्रिया केवल एक विशेष कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार की गई थी।

हर साल मनपा हिंदमाता और मडकेबुवा चौक क्षेत्रों में बाढ़ को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पंप लगाती है, जिसके लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। हालांकि यह आरोप लगाया गया कि इस वर्ष निविदा की शर्तें इस तरह से तय की गईं, जिससे कुछ कंपनियों को लाभ पहुंचे, इसलिए मुख्यमंत्री फडणवीस ने निविदा की जांच के आदेश दिए थे।

सूत्रों के मुताबिक जब जांच प्रक्रिया चल रही थी, तभी दूसरे खेमे ने अधिकारियों पर दबाव डाला और उन्हें मूल निविदा को बरकरार रखने को कहा, इसलिए मनपा में टेंडर प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप का मुद्दा काफी चर्चित हो रहा है। मनपा में विभिन्न निविदाओं को लेकर पहले भी मतभेद हो चुके हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने मनपा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकेत दिया था।

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