सामना संवाददाता / मुंबई
इजराइल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध को करीब ७ महीने पूरे होने जा रहे हैं। इस बीच इजराइल की भीषण बमबारी से गाजा पूरी तरह तबाह हो चुका है। यदि आज युद्ध रुक जाए तो गाजा के पुनर्निर्माण में डेढ़ दशक से ज्यादा का समय लग सकता है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ ने युद्ध पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इजराइली हमले में गाजा में हुई तबाही का दृश्य द्वितीय विश्व युद्ध से भी ज्यादा भयावह है। ऐसा दृश्य दूसरे विश्व युद्ध के बाद भी दुनिया ने नहीं देखा था। संयुक्त राष्ट्र के एक आकलन में कहा गया है कि सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में हमास के अचानक किए गए हमले के बाद शुरू हुए युद्ध का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इसमें कहा गया है कि गाजा की करीब २३ लाख आबादी का पांच प्रतिशत इतने कम समय में हताहत हुआ और यह अप्रत्याशित है। आकलन के अनुसार, अप्रैल के मध्य तक ३३,००० से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे और ८०,००० से अधिक घायल हुए थे। लगभग ७,००० अन्य लोग लापता हैं और माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर लोग मलबे में दब गए। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रशासक अचिम स्टीनर ने कहा कि युद्ध जारी रहने की वजह से गाजा के लोगों और सभी फलस्तीनियों को हर दिन भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। यूएनडीपी और पश्चिमी एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग की रिपोर्ट से पता चलता है कि गाजा में लोगों को किस तरह का भयावह संघर्ष करना पड़ रहा है।