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कोई मुख्यमंत्री नहीं बन पा रहा है, इसका दु:ख! …गडकरी ने भी ली चुटकी

सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी किसी भी हालत में चुटकी लेने से बाज नहीं आते। अब कल नागपुर के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की चाहत पर टिप्पणी कर चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। लोग इसे महाराष्ट्र की वर्तमान परिस्थिति से जोड़कर देखकर मजा ले रहे हैं। गडकरी ने उक्त कार्यक्रम में कहा कि कोई मुख्यमंत्री नहीं बन पा रहा, इसका उसे दु:ख है!
इतना ही नहीं, गडकरी ने राजनीति को असंतुष्ट आत्माओं का समुद्र करार दिया है। वे नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीति में हर कोई असंतुष्ट और दु:खी है। हर व्यक्ति को अपनी वर्तमान स्थिति से बड़ा पद चाहिए।

हर तरफ पसरा है दु:ख ही दु:ख
विधायक बनने के लिए
दु:खी हैं नगरसेवक!
गडकरी ने दिखाया वर्तमान राजनीति का चेहरा

नागपुर के एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज की राजनीति का चेहरा उजागर किया है। कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का समुद्र है, जहां हर कोई दुखी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नगरसेवक इस बात से दुखी है कि उसे विधायक बनने का मौका नहीं मिला। विधायक इसलिए नाराज हैं कि उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। मंत्री दुखी हैं कि वे मुख्यमंत्री नहीं बन सके। वहीं मुख्यमंत्री को इस बात का डर है कि हाईकमान कभी भी उनसे पद छोड़ने के लिए कह सकता है। गडकरी ने आगे कहा कि जीवन में कई चुनौतियां होती हैं। इनका सामना करते हुए आगे बढ़ना ही जीवन जीने की कला है। उन्होंने इस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का जिक्र किया और कहा कि इंसान तब समाप्त नहीं होता जब वह हारता है, बल्कि तब समाप्त होता है जब वह प्रयास करना छोड़ देता है। गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। हालांकि, इसके बाद अब मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति में संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि मुख्यमंत्री कोई भी बने, उन्हें मंजूर है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि शिंदे फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए बेचैन हैं।

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