मुख्यपृष्ठग्लैमर‘मेरी तो मानो लॉटरी निकल पड़ी है!’-कावेरी कपूर

‘मेरी तो मानो लॉटरी निकल पड़ी है!’-कावेरी कपूर

फिल्म ‘बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी’ से इंडस्ट्री में डेब्यू करनेवाली शेखर कपूर और सुचित्रा कृष्णमूर्ति की बेटी कावेरी कपूर इस फिल्म के साथ ही अपने पिता के साथ उनकी फिल्म ‘मासूम’ के रीमेक में भी काम कर रही हैं। सशक्त गायिका, संगीतकार और गीतकार के रूप में अपनी अलग पहचान बनानेवाली कावेरी ११ वर्ष की उम्र से न केवल गाने लिख रही हैं, बल्कि उन्हें अपनी आवाज भी दे रही हैं। पेश है, कावेरी कपूर से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

फिल्म ‘बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी’ आपको कैसे मिली?
फिल्म को निर्देशित करनेवाले कुणाल कोहली से एक लंबे अर्से से पारिवारिक जुड़ाव है। उन्होंने देखा है कि मैं सिंगर-कंपोजर हूं और संगीत के क्षेत्र में काम कर रही हूं। उन्होंने मुझे प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मेरे लुक्स अच्छे होने के साथ मुझमें एक्टिंग की संभावनाएं नजर आती हैं।

अपने किरदार के बारे में कुछ बताएंगी?
फिल्म में मैं बॉबी नामक युवती का किरदार निभा रही हूं, जिसकी मुलाकात ऋषि यानी वर्धन पुरी से होती है। परिचय दोस्ती में और दोस्ती प्यार में तब्दील होने के बाद कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब दोनों एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं।

को-स्टार वर्धन पुरी के साथ आपकी बॉन्डिंग वैâसी रही?
वर्धन और मैं बेस्ट फ्रेंड बन चुके हैं, लेकिन फिल्म में मेरा हीरो कौन होगा, इसकी जानकारी पहले मुझे नहीं थी। वर्धन एक्टर अमरीश पुरी के पोते हैं, यह बात मुझे बाद में पता चली और एक दोस्त की तरह हमारी मित्रता गहरी होती चली गई। बेस्ट को-स्टार के रूप में वर्धन को पाकर ऐसा लगा मानो मेरी लॉटरी निकल पड़ी है।

क्या आप म्यूजिक में करियर बनाना चाहती हैं?
मेरा बचपन और मेरी परवरिश नॉर्मल ही रही। स्कूल के दिनों में अच्छी कविताएं और अच्छे गीत लिखना और उन्हें गाना मेरा पैशन बन गया था। मैंने मम्मी से अपने पैशन के बारे में कभी खुलकर नहीं कहा। अचानक मेरी डायरी जब मम्मी के हाथ में लगी तो उन्हें ताज्जुब हुआ और उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया। मैं चार म्यूजिक वीडियो कर चुकी हूं, जिसका रिस्पॉन्स काफी अच्छा रहा।

आपने अपना पहला गीत कब रिकॉर्ड किया?
मैं जब क्लास नौवीं में पढ़ रही थी, उस समय मेरा पहला गीत रिकॉर्ड हुआ। मेरे लिए मेरा लिखा गीत मेरी एक अभिव्यक्ति है और कुछ नहीं। मेरे लिए संगीत मेरा पहला प्रेम है, जिसे मैं मेरी एक क्रिएटिविटी मानती हूं।

क्या नामचीन माता-पिता की बेटी होने का प्रेशर आपको होता है?
मैं अपने सेलिब्रिटी माता-पिता की पुत्री होने पर गर्व महसूस करती हूं और यह फख की बात है। लोगों को मुझसे अपने आप उम्मीदें बंध जाती हैं। मेरे पिता शेखर कपूर की बतौर निर्देशक डेब्यू फिल्म ‘मासूम’ को ४० से अधिक वर्ष बीत चुके हैं। उन्होंने जितनी भी फिल्में की उनमें अपने काम की असीम छाप छोड़ी है। ‘मिस्टर इंडिया’ और ‘मासूम’ जैसी कल्ट क्लासिक फिल्मों को कौन भूल सकता है? उनके इस खास योगदान के लिए ही उन्हें इस वर्ष ‘पद्मभूषण’ पुरस्कार मिला है। मैं अभी २४ वर्ष की ही हूं। मां सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने अच्छे गीत गाये, अभिनय किया, लेकिन उनसे मेरा मुकाबला नहीं हो सकता और न ही मैं आगे करना चाहूंगी। जो भी हो मैं पहचान खुद बनाना चाहती हूं।

फिल्म ‘मासूम’ की सीक्वल में आपका किरदार क्या है?
फिल्म ‘मासूम’ के सीक्वल में शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह, मनोज बाजपेयी के साथ मैं भी हूं। फिल्म की कहानी और उसमें हुए बदलावों के बारे में कुछ और कहना अभी उचित नहीं होगा। मैं सिर्फ इतना ही कह सकती हूं कि मैं अपने पिता के साथ और उनके निर्देशन में काम करने के लिए जितनी नर्वस हूं उतनी ही आतुर भी हूं।

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